रूद्रपुर/काशीपुर। आम आदमी पार्टी नेता व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उत्तराखंड में अपने पांचवें दौरे पर मंगलवार को काशीपुर पहुंचे। इस अवसर पर दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उत्तराखंड में आप की सरकार बनने के बाद 18 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपये दिए जाएंगे। अगर एक परिवार में पांच महिलाएं हैं तो उस घर में पांच हजार रुपये प्रतिमाह आएंगे। केजरीवाल यहां काशीपुर में आयोजित पार्टी के महिला संवाद कार्यक्रम में बोल रहे थे।
केजरीवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड का 55,000 करोड़ रुपये का बजट है। इसमें से 20 प्रतिशत भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। यानी करीब 11 हजार करोड़ रुपये नेताओं और ठेकेदारों की जेब में चला जाता है। यह पैसा नेता और ठेकेदार स्विस बैंक में भेज देते हैं। लेकिन, अब ये पैसा महिलाओं की जेब में जाएगा। भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने वाले 11 हजार करोड़ रुपये में से तीन हजार करोड़ रुपये महिलाओं को प्रतिमाह फ्री देने के लिए इस्तेमाल होंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं पिछले तीन-चार माह में कई बार उत्तराखंड आया हूं। और मैं जब भी यहां आता हूं तो एक गारंटी देकर जाता हूं। मैं ऐसा इसलिए करता हूं, क्योंकि सालों से यहां दूसरी पाटियों ने वादे किए और बाद में भूल गए। कहा कि मैं जब गारंटी देकर जाता हूं तो आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता कार्ड लेकर घर-घर जाते हैं और लोगों के साइन करवाते हैं। ताकी बाद मैं अगर हम मुकरें तो जनता के पास हमारी गारंटी का सबूत रहे। हमारी गारंटी से यहां के नेताओं को इतनी परेशानी हो रही है कि वह कोर्ट पहुंच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली मॉडल को उत्तराखंड में लाएंगे। इस बार चुनाव में महिलाएं निर्णायक की भूमिका में होंगी। भाजपा और कांग्रेस ने प्रदेशवासियों को सिर्फ छला है। इस बार महिलाएं दोनों पार्टियों को दुत्कार कर झाड़ू को वोट देंगी। इस बार महिलाएं उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाएंगी। केजरीवाल ने कहा कि आज भी मैं एक गारंटी देने आया हूं। इससे पहले में मुफ्त बिजली, रोजगार, मुफ्त तीर्थ यात्रा की गारंटी दे चुका हूं। आज मैं खासकर महिलाओं के लिए बात करने आया हूं।
इसके बाद केजरीवाल रामलीला मैदान में आयोजित जनसभा में पहुंचे। जहां उन्होंने बीते सालों में उत्तराखंड में बनी सरकारों पर हमला बोला और अपने दिल्ली मॉडल की तारीफ की। मतदान में किसी भी मामले में पुरुषों से पीछे नहीं है महिलाएं। 2019 के लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो कुल 62.36 प्रतिशत मतदान हुआ था, जिसमें महिलाओं की भागीदारी 47.79 प्रतिशत थी। इसी तरह विधानसभा चुनाव में भी 65.6 प्रतिशत मतदान में से महिला मतदाताओं का प्रतिशत 47.43 था। उत्तराखंड के ऊपर वर्तमान में 85 हजार करोड़ का कर्ज है। ऐसे में सभी पार्टियों की ओर से किए जा रहे लोकलुभावन वादे क्या राज्य के लिए मुफीद साबित होंगे? यह सवाल हर प्रदेश वासी के जेहन में होगा कि प्रदेश सरकारें इन घोषणाओं को पूरा करने के लिए बजट कहां से लाएंगी। हालांकि इसके पीछे केजरीवाल का दिल्ली मॉडल है, जिसकी चकाचौंध से हर तीसरा आदमी संमोहित नजर आता है।