देहरादून। उत्तराखंड के जांबाज सीडीएस जनरल बिपिन रावत को खोने के गम के बीच राज्य के युवाओं ने गर्व से सीना चौड़ा करने वाली खबर दी है। कई बड़े राज्यों को पछाड़ते हुए इस बार उत्तराखंड सेना को अफसर देने में अव्वल रहा है। आईएमए से पास आउट होने वाले कैडेटों में यूपी के बाद उत्तराखंड दूसरे नंबर पर है। आबादी के हिसाब से उत्तराखंड सैन्य अफसर देने में कई बड़े राज्यों से कहीं आगे है।
भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की पासिंग आउट परेड निर्धारित समय पर ही आयोजित हुई। रिव्यूइंग अफसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जेंटलमैन कैडेट्स की सलामी ली। इस बार आईएमए से 387 जेंटलमैन कैडेट पासआउट हुए हैं, जिनमें से 319 बतौर अफसर भारतीय सेना से जुड़े। इस बार मित्र देशों के 68 जेंटलमैन कैडेट भी पासआउट हुए। पिछले सालों तक जहां उत्तराखंड चौथे या पांचवें स्थान पर रहता था, इस बार दूसरे नंबर पर रहा है। शनिवार को पास आउट होने वाले कैडेटों में उत्तराखंड से 43 कैडेट पास आउट हुए, जो करीब 13 फीसदी हैं। आबादी के हिसाब से उत्तराखंड देश में 20वें स्थान पर है। देश में सर्वाधिक जनसंख्या वाले यूपी के उत्तराखंड से दो ज्यादा यानि 45 कैडेट पासआउट होंगे।
शनिवार को सुबह आठ बजकर 50 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ। कंपनी सार्जेट मेजर प्रफुल्ल शर्मा, धनंजय शर्मा, अमित यादव, जय मेरवाड, आश्य ठाकुर, प्रद्युमन शर्मा, आदित्य जानेकर व कर्मवीर सिंह ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। आठ बजकर 55 मिनट पर एडवांस कॉल के साथ ही सीना ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते हुए परेड के लिए पहुंचे। इसके बाद परेड कमांडर अनमोल गुरुंग ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली। कैडेट्स की शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठा हर एक शख्स मंत्रमुग्ध हो गया।
राष्ट्रपति ने कैडेटों को ओवरऑल बेस्ट परफार्मेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। अनमोल गुरुंग को स्वाॅर्ड ऑफ ऑनर व स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। तुषार सपरा को रजत व आयुष रंजन को कांस्य पदक मिला। कुणाल चौबीसा ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया। सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट भूटान के सांगे फेनदेन दोरजी चुने गए।