Category: कृषि जगत

मिर्च शिमला और मिर्च का चुरड़ा- मुरड़ा रोग

-डा० राजेंद्र कुकसाल (मो.नं.-9456590999) पत्ता मोड़क या चुरड़ा-मुरड़ा, मिर्च और शिमला मिर्च फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाली बीमारी है । वास्तव में यह रोग नहीं है बल्कि यह…

कद्दूवर्गीय फसलों में 3जी कटिंग से मिलेगी अधिक उपज

-डा० राजेंद्र कुकसाल rpkuksal.dr@gmail.com 9456590999 गर्मी व बरसात के मौसम में हर घर के पास लौकी, तोरई, चचिंडा, ककड़ी, करेला ,कद्दू आदि सब्जियों की बेलें देखने को मिलती हैं। कई…

शिमला मिर्च की उपज बढ़ाने को शुरू के तीन फूल कली अवस्था में ही हटायें

–डा० राजेंद्र कुकसाल (मो.नं. 9456590999) अनुकूल जलवायु, भूमि एवं उन्नतिशील किस्म का चुनाव, उचित समय पर बीज की बुआई तथा पौध रोपण, सही मात्रा में उर्वरकों एवं पोषण तत्त्वों का…

किंगोड़, किंगोड़ा, किलमोड़ा तथा काश्मोई आदि नामों से सुपरिचित बहुमूल्य वनौषधि “दारूहल्दी”

–डॉ आदित्य कुमार पूर्व उपाध्यक्ष राज्य औषधीय पादप बोर्ड, उत्तराखंड सरकार देवभूमि में गढवाल एवं कुमायूं में किंगोड़, किंगोड़ा, किलमोड़ा तथा जौनसार में काश्मोई आदि नामों से सुपरिचित बहुमूल्य वनौषधि…

अमेरिकन केसर के छलावे में न आये काश्तकार

डा० राजेन्द्र कुकसाल मोबाइल नंबर-9456590999 केसर की खेती अमूमन कश्मीर की ठंडी वादियों में होती है, लेकिन अब दावा किया जा रहा है कि केसर की खेती से उत्तराखण्ड में…

ड्रोसोफिला कीट के प्रकोप से कद्दूवर्गीय फसलों को कैसे बचायें

⇒ डा० राजेंद्र कुकसाल। मोबाइल नंबर-9456590999 कद्दू वर्गीय सब्जी (लौकी , कद्दू, खीरा, तोरी,चचिन्डा,मैरो, करैला आदि) की फसलों को फल मक्खी (ड्रोसोफिला कीट) काफी नुकसान पहुंचाती है। इस कीट के…

जानिये कैसे करे बरसात में फल पौधों का रोपण

⇒ डा० राजेंद्र कुकसाल मोबाइल नंबर-9456590999 बरसात के मौसम में मुख्यत: आम, अमरूद, अनार, आंवला, लीची, कटहल,अंगूर तथा नीम्बू वर्गीय फल पौधों का रोपण किया जाता है। उद्यान लगाने से…

अदरक बीज का उत्पादन स्वयं कर किसान पा सकते लाभकारी उपज

-डा० राजेंद्र कुकसाल (मोबाइल नंबर-7055505029)  समय पर प्रमाणित/ट्रुथफुल बीज न मिल पाने के कारण कृषक अदरक की अधिक लाभकारी खेती नहीं कर पा रहे हैं।  उद्यान विभाग से…

पहाड़ी असिंचित खेती के लिए फायदेमंद अदरक की खेती

डा० राजेंद्र कुकसाल पहाड़ों में किसानों के लिए नकदी तथा व्यवसायिक खेती फायदेमंद साबित हो रही है। प्रदेश में किसान पारंपरिक खेती छोड़कर व्यवसायिक उत्पादन पर जोर दे रहे हैं।…