देवप्रयाग/ऋषिकेश। उत्तराखंड के उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य के प्रत्येक विकासखंड में एक-एक गांव संस्कृत ग्राम बनाया जाएगा। इन गांवों के लोगों को संस्कृत सिखाकर इतना दक्ष किया जाएगा कि वह धाराप्रवाह संस्कृत बोल सकें। डॉ. रावत ने कहा कि इसकी शुरुआत श्रीनगर विधानसभा के गांव से की जाएगी। राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में वेद विभाग की ओर से आयोजित गोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि देवप्रयाग में संस्कृत संस्थान का परिसर खुलना राज्य के लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि इस परिसर में भवनों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। इस शिक्षण सत्र के अंत तक इन भवनों का उद्घाटन करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही निर्माणाधीन परिसर का निरीक्षण करेंगे। संगोष्ठी में विद्वानों ने कहा कि वेद आज के दौर में बहुत प्रासंगिक हैं। उनकी शिक्षा से समाज में व्याप्त अनेक समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। कार्यक्रम में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त प्रो. वेदप्रकाश उपाध्याय ने वैदिक वांगमय विष्णु तत्त्व पर व्याख्यान देते हुए कहा कि हमें वेदों का अनुसरण करना चाहिए। कार्यक्रम में प्रो. बनमाली बिश्वाल, प्रो. विजयपाल शास्त्री, डॉ. आर बालमुरुगन, वेद विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र प्रसाद उनियाल, डॉ. सच्चिदानंद स्नेही, डॉ. कृपाशंकर शर्मा, डॉ.अनिल कुमार, डॉ. अरविंद गौर, डॉ. वीरेंद्र बर्तवाल, डॉ. सुरेश शर्मा, डॉ. दिनेशचंद्र पांडेय, डॉ. सुशील प्रसाद बडोनी, डॉ.अवधेश बिजल्वाण, पंकज कोटियाल आदि मौजूद थे।