ऋषिकेश। योग नगरी ऋषिकेश में दिनदहाड़े एक नाबालिग बच्चे का अपहरण होने का मामला सामने आया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए अपहरणकर्ता के चंगुल से धामपुर में बच्चे की बरामदगी कर दी गई है।

ऋषिकेश के कोतवाली क्षेत्र में इस घटना से पुलिस व स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों तक में खलबली मच गई। पुलिस ने आनन-फानन में पांच टीमों का गठन कर इन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में रवाना किया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने बिजनौर जिले के धामपुर से रोडवेज बस से अपहरणकर्ता को पकड़ कर उसके कब्जे से नाबालिग को बरामद कर लिया है।

पुलिस ने बताया कि नाबालिग आठवीं कक्षा का छात्र है। घटना शनिवार दोपहर करीब डेढ़ बजे की है। एम्स में सिक्योरिटी गार्ड सुपरवाइजर पद पर तैनात व्यक्ति का 12 वर्षीय बेटा घर पर मौजूद था।

उसी समय भोला नाम का एक राजमिस्त्री घर पर आया और 12 वर्षीय नाबालिग को कुछ सामान दिलाने के बहाने घर से लेकर गया और वापस नहीं लौटा। सुपरवाइजर ने जब राजमिस्त्री भोला के मोबाइल नंबर पर काल लगाया तो उसने फोन नहीं उठाया। वहीं कुछ देर बाद उनकी पत्नी ने राजमिस्त्री के नंबर पर फोन लगाया तो उधर से आवाज आई कि उनका बेटा कब्जे में है, दो घंटे के भीतर 15 लाख रुपये का इंतजाम करो। साथ ही यह भी कहा कि पुलिस को बताने पर बेटा नहीं मिलेगा।
इस पर सुपरवाइजर की पत्नी ने कहा कि इतने रुपये उनके पास नहीं हैं, तो अपहरणकर्ता ने 13 लाख रुपए देने को कहा। इसके बाद परिजनों सहित आसपास के लोगों के हाथ पांव फूल गए। सुपरवाइजर ने समझदारी का परिचय देते हुए कोतवाली पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर पुलिस व स्थानीय प्रशासन के हाथपांव फूल गए। पुलिस मौके पर पहुंची ने जानकारी जुटाई।

अपहरणकर्ता की पहचान भोला निवासी चंपारण बिहार हाल निवासी माया मार्केट श्यामपुर ऋषिकेश के रूप में की। उधर, उत्तर प्रदेश पुलिस ने बिजनौर जिले के धामपुर से फायर स्टेशन के पास रोडवेज बस से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, साथ ही नाबालिग को सकुशल बरामद भी किया है। नाबालिग को बरामद कर ऋषिकेश पुलिस उसे यहां ला रही है।

अपहरणकर्ता को पहले से जानता था। नाबालिग
बीते एक वर्ष पूर्व सुपरवाइजर के मकान का कार्य हुआ था। इस मकान में भोला नामक राजमिस्त्री ने करीब छह माह तक कार्य किया था। अपहरणकर्ता भोला इस परिवार के प्रत्येक सदस्य को पहचानता था। इसीलिए उसे नाबालिग को लेकर जाने में जरा भी दिक्कत नहीं हुई। वहीं, नाबालिग किशोर को भी अपहरणकर्ता ने जब कुछ खाने के सामान दिलाने को कहा तो वह मना न कर पाया।