देहरादून। उत्तराखंड में 4 दिनों से चल रहा सियासी ड्रामा आज समाप्त हो गया है बहुत दिनों से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाए जाने की की खबर चल रही थी। मंगलवार को दिल्ली हाईकमान से मिलकर देहरादून लौटे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने तय समय के अनुसार आज शाम करीब चार बजकर बीस मिनट पर राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बेबी रानी मोर्य को इस्तीफा सौंप दिया। इस दौरान उनके साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, मंत्री मदन कौशिक, राज्यमंत्री धन सिंह रावत, विधायक हरबंश कपूर, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन समेत कई विधायक मौजूद रहे।
इस्तीफा सौंपने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चार साल से पार्टी में मुझे उत्तराखंड की सेवा करने का मौका दिया। भाजपा ही ऐसी पार्टी है जो जमीन से जुड़े नेताओं को मौका देती है। चार साल का कार्यकाल पूरा होने में नै दिन रह गए हैं। लेकिन अब पार्टी को नए चेहरे की जरूर है। सरकार ने चार साल के समय में कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं, जिसका निश्चित ही जनता को फायदा मिलेगा। वहीं, उन्होंने प्रदेश के होने वाले नएसीएम को शुभकामनाएं दी।
बुधवार को नए नेता के नाम पर फैसला होने की संभावना है। नए मुख्यमंत्री के लिए केन्द्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल, राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी, अजय भट्ट और प्रदेश सरकार के मंत्री धन सिंह रावत प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं। वहीं केंद्रीय पर्यवेक्षक रमन सिंह और दुष्यंत गौतम देहरादून पहुंच गये हैं। बुधवार को उत्तराखंड बीजेपी विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री का फैसला होगा।
बताया जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री पद से हटाने का फैसला पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर लिया है। पर्यवेक्षकों ने कोर ग्रुप और प्रमुख विधायकों-सांसदों की राय के आधार पर केंद्रीय नेतृत्व ने को बताया है कि राज्य में अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इसके बाद से ही राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की भूमिका तैयार हो गई थी। सोमवार देर शाम जब त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी, तो उन्हें इस बारे में सूचित कर दिया गया था। दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात के बाद रावत मंगलवार दोपहर देहरादून पहुंचे। उन्होंने ऐसे समय पर इस्तीफा दिया है जब कुछ दिन बाद ही उनके चार साल का कार्यकाल पूरा होने वाला था।