देहरादून। राज्य कैबिनेट की बैठक में कई अहं निर्णय लिए गए हैं। त्रिवेंद्र कैबिनेट कर्मचारियों को कोरोना महामारी को लेकर भत्तों में कटौती से राहत दी है। प्रदेश में किसी भी कर्मचारी का भत्ता नहीं काटा जाएगा, लेकिन मुख्य सचिव से लेकर निचले स्तर तक के सभी कर्मचारियों का महीने में एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया जाएगा। पेंशनरों को इससे बाहर रखा गया है। वहीं, पूरा प्रदेश ऑरेंज जोन में होने से एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले लोगों को संस्थागत क्वारंटीन नहीं होना पड़ेगा।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इस दौरान कोरोना की रोकथाम को लेकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। सरकार ने निर्णय लिया कि दायित्वधारियों से प्रतिमाह पांच दिन का वेतन सीएम राहत कोष में जमा किया जाएगा। एक जनपद से दूसरे जनपद में जाने वाले लोगों को भी पास की सुविधा में रियायत दी है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करते ही पास मान्य हो जाएगा। कैबिनेट में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में कोरोना सैम्पलिंग बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों की तर्ज पर उत्तराखंड में प्राइवेट लैब से टेस्टिंग कराई जाएगी। इसके लिए कंपनियों का चयन चार दिन के भीतर टेंडर के माध्यम से किया जाएगा। प्राइवेट लैब में सैंपल जांच का खर्चा सरकार वहन करेगी। प्रदेश मे पंचायती राज एक्ट में अध्यादेश लाकर सरकार ने संशोधन किया है। जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष, क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष और पंचायत प्रधान के खाली पदों पर निर्वाचित सदस्यों को छह माह के लिए नामित किया जाएगा। इसका अधिकार जिलाधिकारियों को दिया गया है। वहीं जिन पंचायतों में दो तिहाई सदस्यों के पद खाली हैं, वहां पंचायत के किसी बुद्धिजीवी वरिष्ठ नागरिक को सदस्य पद पर नामित किया जाएगा। इसके अलावा कैबिनेट ने मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना में बीज पर मिलने वाले 50 प्रतिशत अनुदान से वंचित किसानों को भी सरकार विभागीय बजट से अनुदान देगी। साथ ही कोल्ड स्टोर लगाने पर 50 प्रतिशत और रेफ्रिजरेटर वैन पर भी 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। कैबिनेट ने फैसला लिया कि उद्योगों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मचारी महामारी से प्रभावित होने से क्वारंटीन किया जाता है तो नियोक्ता को 28 दिन का वेतन देना होगा। मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत उन किसानों को भी बीज आदि की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा, जो केंद्र की योजना से वंचित हैं। विभागीय बजट से ही अनुदान देने का प्रावधान रहेगा। ऐसे में पहले आओ पहले पाओ पर किसानों को लाभ दिया जाएगा।
बागावानी को छोड़कर अन्य किसानों को अनुदान की व्यवस्था रहेगा। इसके अलावा कोल्ड स्टोरेज (30 मी.टन) बनाने और रेफ्रिजरेटेड वैन खरीद पर 50 प्रतिशत का अनुदान सरकार देगी। सरकार ने कारखानों में यूनियन बनाने के लिए प्रावधानों में संशोधन किया है। श्रम सुधार अधिनियम के तहत कारखाने में अगर सौ कर्मचारी काम कर सकते हैं तो दस प्रतिशत एकत्रित होकर यूनियन बना सकते हैं। ऐसे में दस यूनियनें उस फैक्टरी में हो सकती हैं। सरकार ने दस प्रतिशत पर एक यूनियन के प्रावधान को बढ़ाकर तीस प्रतिशत पर एक यूनियन कर दिया है।
कैबिनेट बैठक के आज के मुख्य फैसले–
1–कर्मचारियों के भत्तों में नहीं होगी किसी प्रकार की कटौती, अलबत्ता इस वित्तीय वर्ष तक मुख्य सचिव से लेकर निचले स्तर तक प्रत्येक कार्मिक का हर माह एक दिन का वेतन कटेगा, सीएम राहत कोष में जमा होगा। २–दायित्वधारियों का हर माह पांच दिन का मानदेय मुख्यमंत्री राहतकोश में जमा होगा। 3–मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना में विभागीय बजट से भी किसानों को 50 फीसद अतिरिक्त अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा 4–बागवानी विकास योजना से अतिरिक्त अन्य बीज फल अदरक हल्दी आदि में 50 फीसद अनुदान राज्य सरकार देगी 5–कोल्ड स्टोर पर -50%व कोल्ड स्टोर कुल लागत का 50 फीसद वैन 50 फीसद अनुदान 6–श्रम विभाग जो कर्मचारी कोरोना प्रभावित होगा, उसका 28 दिन का भुगतान नियोक्ता को करना पड़ेगा 7–सभी संस्थानों दुकानों वाणिजियक संस्थानों को केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार सेनेटाइजर की व्यवस्था करनी होगी। 8–श्रम सुधार अधिनियम 1926 में शनशोधन-यूनियन के संख्या के मानक को में परिवतर्न अब 30 फीसद पर ही यूनियन बनेगी। 9–रजिस्ट्रेशन एक्ट 1988 के अधीन रजिस्ट्री की नकल को डिजिटल के माध्यम से 2 रुपये प्रति पृष्ठ व न्यूनतम 100 रुपये। 10–डीएम के माध्यम से आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्ति को 3 माह से बढ़ा कर 20-2-2021 तक बढ़ा दिया गया है
11–मेगा इंडस्ट्रियल नीति में वैधता की तिथि 30 जून 2020 या नई नीति आने तक बढ़ाई।
12–उत्तरकाशी 1000 मीट्रिक टन का कोल्ड स्टोर बन रहा, उसकी लागत 13 करोड़ होने कारण मंडी परिषद को अनुमति
13–जिला योजना समिति में अध्यादेश के माध्यम से संसोधन। डीएम प्रभारी मंत्री के माध्यम से निर्णय ले सकेंगे
14–पंचायती राज में संसोधन: जिला पंचायत ब्लॉक प्रमुख व प्रधान के चुनाव नहीं हुए है, वहां 6 माह के लिए डीएम प्रतिनिधि नॉमिनेट करेंगे। जहां दो तिहाई का निर्वाचन न हो पाया हो वहां ग्राम पंचायत के सम्भान्त व्यक्ति को नियुक्त किया जा सकता है।
15–पूरे राज्य में वर्तमान में एक जैसी स्थिति होने के मद्देनजर कोई भी व्यक्ति राज्य में किसी भी जगह जाने को स्वतंत्र होगा। बस उसे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा अनुमति की आवश्यकता नही