केवल 12वीं क्लास में होगा बोर्ड, MPhil होगा बंद, कॉलेज की डिग्री 4 साल की
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने शिक्षा नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं जो कि मील का पत्थर साबित होगी। मानव विकास संसाधन मंत्रालय अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा। केंद्र की कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2020) को हरी झंडी दे दी है। 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। मानव विकास संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि ये नीति एक महत्वपूर्ण रास्ता प्रशस्त करेगी। ये नए भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी। इस नीति पर देश के कोने कोने से राय ली गई है और इसमें सभी वर्गों के लोगों की राय को शामिल किया गया है. देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि इतने बडे़ स्तर पर सबकी राय ली गई है।
अहम बदलाव
- नई शिक्षा नीति के तहत अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा.
- बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा
- अब सिर्फ 12वींं में बोर्ड की परीक्षा देनी होगी. जबकि इससे पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा.
- 9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी. स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा
- वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी. यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी.
- 3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है. वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी. 4 साल की डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स एक साल में MA कर सकेंगे.
- अब स्टूडेंट्स को MPhil नहीं करना होगा. बल्कि MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे.
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इतने बड़े पैमाने पर जुटाई गई थी राय
इस शिक्षा नीति के लिए कितने बड़े स्तर पर रायशुमारी की गई थी, इसका अंदाजा इन आंकड़ों से सहज ही लगाया जा सकता है. इसके लिए 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 6,600 ब्लॉक्स, 676 जिलों से सलाह ली गई थी.
स्टूडेंट्स बीच में कर सकेंगे दूसरे कोर्स
हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा. वहीं नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है.
हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं. सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं. इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे. वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे. एक नैशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा. बता दें कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं.
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सरकारी, निजी, डीम्ड सभी संस्थानों के लिए होंगे समान नियम
हायर एजुकेशन सेक्रटरी अमित खरे ने बताया, ‘ नए सुधारों में टेक्नॉलॉजी और ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिया गया है. अभी हमारे यहां डीम्ड यूनविर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और स्टैंडअलोन इंस्टिट्यूशंस के लिए अलग-अलग नियम हैं. नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत सभी के लिए नियम समान होंगे.
नई शिक्षा नीति
1) SSRA (State School Regulatory Authority) बनेगी जिसके चीफ शिक्षा विभाग से जुड़े होंगे।
2) 4 ईयर इंटेग्रेटेड बीएड, 2 ईयर बीएड or 1 ईयर B Ed course चलेंगें।
3) ECCE (Early Childhood Care and Education) के अंतर्गत प्री प्राइमरी शिक्षा आंगनबाड़ी ओर स्कूलों के माध्यम से।
4) TET लागू होगा up to सेकंडरी लेवल।
5) शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से हटाया जाएगा, सिर्फ चुनाव ड्यूटी लगेगी, BLO ड्यूटी से शिक्षक हटेंगे, MDM se भी शिक्षक हटेंगे।
6) स्कूलों में एसएमसी/एसडीएमसी के साथ SCMC यानी स्कूल कॉम्प्लेक्स मैनेजमेंट कमेटी बनाई जाएगी।
7) शिक्षक नियुक्ति में डेमो/स्किल टेस्ट और इंटरव्यू भी शामिल होंगे।
8) नई ट्रांसफर पॉलिसी आयेगी जिसमें ट्रांसफर लगभग बन्द हो जाएंगे, ट्रांसफर सिर्फ पदोन्नति पर ही होंगे।
9) ग्रामीण इलाकों में स्टाफ क्वार्टर बनाए जाएंगे, केंद्रीय विद्यलयों की तर्ज पर।
10) RTE को कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की आयु तक लागू किया जाएगा।
11) मिड डे मील के साथ हैल्थी ब्रेकफास्ट भी स्कूलों में दिया जाएगा।
12) Three language based स्कूली शिक्षा होगी।
13) Foreign language course भी स्कूलों में शुरू होंगे।
14) विज्ञान ओर गणित को बढ़ावा दिया जाएगा, हर सीनियर सैकंडरी स्कूल में science or math विषय अनिवार्य होंगे।
15) स्थानीय भाषा भी शिक्षा का माध्यम होगी।
16) NCERT पूरे देश में नोडल एजेंसी होगी।
17) स्कूलों में राजनीति व सरकार का हस्तक्षेप लगभग समाप्त हो जाएगा।
18) क्रेडिट बेस्ड सिस्टम होगा जिससे कॉलेज बदलना आसान और सरल होगा बीच मे कोई भी कॉलिज बदला जा सकता है।
19) नई शिक्षा नीति में सिर्फ बीएड इण्टर के बाद 4 वर्षीय बीएड, स्नातक के बाद 2 वर्ष बीएड, परास्नातक के बाद 1 वर्ष का बीएड कोर्स होगा