देहरादून। उत्तराखंड के नये पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने सोमवार को पदभार ग्रहण किया गया। पदभार ग्रहण करने के उपरांत मीडिया से बात करते हुए उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं बताई।
उन्होंने कहा कि अच्छी पुलिस व्यवस्था वही है, जो लोगों के सहयोग से लोगों के साथ मिलकर की जाये। हमारा प्रयास रहेगा कि आम जन को एक अच्छी पुलिस व्यवस्था दी जाए। उत्तराखण्ड पुलिस को स्मार्ट बनाना एवं पुलिस की दक्षता को बढ़ाना प्राथमिकता में है। पीड़ित केन्द्रित पुलिसिंग हमारा लक्ष्य है, जिससे पीड़ितों को तत्काल न्याय दिलाया जाए। पुलिस व्यवस्था ऐसी की जाएगी कि बदमाशों में पुलिस का खौफ होगा और आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ेगा। थानों में जन शिकायतों को शत-प्रतिशत रिसीव कर समय पर उनका निस्तारण किया जाएगा। शिकायत रिसीव नहीं करने पर दोषी पुलिसकर्मियों को दण्डित करेंगे। उत्तराखण्ड पुलिस महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों के प्रति हमेशा संवेदनशील रही है। महिलाओं, नाबालिगों एवं बुजुर्गो के प्रति पुलिस को और अधिक संवेदनशील बनाया जायेगा, जहां पर इन सुनवाई के लिये अलग से प्रकोष्ठ स्थापित हैं, उनको और अधिक सशक्त किया जायेगा और जहां नही हैं वहां आवश्यकता के अनुसार नये प्रकोष्ठ स्थापित किये जायेंगे। पुलिस प्रशिक्षण हमारी विशेष प्राथमिकताओं में है, प्रशिक्षण को संवेदनशील बनाया जाएगा। थानों को महिलाओं के लिए सुविधाजनक बनाया जाएगा, जिससे उन्हें थाने पर जाने में झिझक महसूस न हो। प्रत्येक थाने में महिला उपनिरीक्षक एवं महिला आरक्षी की नियुक्ति आवश्यक रूप से की जायेगी। महिला सम्बन्धी शिकायतों का निस्तारण समय से हो इसका पर्यवेक्षण जनपदों के साथ ही मुख्यालय स्तर से भी निरन्तर किया जायेगा। उत्तराखण्ड एजुकेशन हब के रूप में विकसित हुआ है। यहां प्रदेश के साथ-साथ देश-विदेश के छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे है, जो अपने परिवारजनों से दूर होने के कारण नशे के सौदागरों के लिए साॅफ्ट टार्गेट हैं। ड्रग्स के विरूद्ध हमारा अभियान जारी रहेगा, जिस पर अंकुश लगाने के लिए न केवल इसमें संलिप्त अपराधियों को गिरफ्तार किया जायेगा अपितु इसे संचालित करने वाले तस्करो तथा उनके रैकेट को ध्वस्त किया जायेगा। ए0टी0डी0एफ के साथ-साथ योजनाबद्ध तरीके से कार्यवाही करते हुए अभियुक्तगणों की सम्पत्ति कुर्क व गैंगेस्टर की कार्यवाही की जायेगी।
इसके साथ ही युवाओं के अंदर नशे से पैदा हुई जितनी भी नकारात्मक ऊर्जा है उसको सकारात्मक ऊर्जा में तब्दील करने की दिशा में भी पुलिस काम करेगी। साइबर अपराध न्यू ट्रेंड का अपराध है, इस पर नियत्रंण साइंसटिफिक एवं फारेंसिक तरीके से करना है। जनपदों के साइबर सेल को और अधिक सशक्त किया जाएगा। उन्र्हें Zero FIR दर्ज करने का अधिकार दिया जाएगा।आगामी कुम्भ मेला ऐसे दौर में हो रहा है, जबकि कोविड-19 जैसी महामारी से विश्व जूझ रहा है। कुम्भ मेला सुरक्षित रूप से सम्पन्न हो यह हमारी प्राथमिकताओं मे रहेगा। SMART POLICING की दिशा में कार्य करते हुए पब्लिक डिलिवरी सिस्टम को और अधिक सुदृढ़ बनाया जाएगा। सीटिजन पोर्टल को और बेहतर बनाते हुए उसमें आम जन हेतु नई सुविधाएं जोड़ी जाएगी। शीघ्र ही ONLINE POSTMORTM, TRAFFIC INSURANCE के सम्बन्ध में कार्यवाही की जायेगी। पिछले कुछ वर्षो में उत्तराखण्ड में भू-माफिया सक्रिय हुए हैं। भू-माफियाओं के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत कार्यवाही की जाएगी, जिससे एक आम आदमी जमीन खरीदते समय धोखे का शिकार न हो, उनको न्याय दिलाना है। सोशल मीडिया का महत्व हम सभी के जीवन में बहुत तेजी से बढा है परन्तु कई बार फेक न्यूज, अफवाहों या किसी नकारात्मक पोस्ट के कारण किसी व्यक्ति, विशेष समुदाय अथवा आम जनमानस को समस्या का सामना करना पडता है। इस सम्बन्ध में जनपदों में स्थापित सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को और अधिक सक्रिय कर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर राष्ट्र विरोधी, साम्प्रदायिक एवं फेक न्यूज पोस्ट करके अफवाह फैलाने वाले, शान्ति एवं कानून व्यवस्था प्रभावित करने वाले व्यक्तियों पर सर्तक दृष्टि रखकर ऐसा करने वालो पर कठोर वैधानिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
उन्होंने कहा कि शीघ्र ही कुमाऊँ परिक्षेत्र में साईबर थाना खोला जाएगा, जिससे वहां की जनता को बैंकिंग धोखाधड़ी, ऑनलाइन शॉपिंग, मनी ट्रांजेक्शन, सोशल मीडिया सम्बन्धी मामलों की शिकायत दर्ज कराने में आसानी होगी। आज कोविड-19 भी पुलिस के सामक्ष एक चुनौती है, जिसे स्वीकार करते हुये उत्तराखण्ड पुलिस ने अपने व्यवसायिक कत्र्वय के साथ ही अपने मानवीय एवं नैतिक कत्र्वयों का भी निर्वहन कर पुलिस की छवि को बहुत निखारा है। इस मध्य पुलिस पर जनता के विश्वास के स्तर में भी अभिवृद्वि हुई है। हमारा यह उदेश्य रहेगा कि इस छवि को बनाये रखा जाये। हमें सफलतापूर्वक अपना कार्य करते रहना है, धैर्य बनाये रखना है। नियमों का पालन दृढ़ता से विनम्रता के साथ कराया जाएगा। शासन से समन्वय स्थापति कर पुलिस इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया जाएगा। उपकरणों, वैपन्स, वाहनों को माॅर्डन करेंगे। सिटी पुलिस को शाॅर्ट रेंज वैपन्स दिये जाएंगे। हमारा लक्ष्य होगा कि उत्तराखण्ड पुलिस देश की स्मार्टेस्ट, आधुनिक, Well Trained, संवेदनशील एवं मानवीय पुलिस हो। अच्छा काम करने वाले पुलिस कर्मियों को इनाम मिलेगा और लापरवाह पुलिस कर्मियों को दंडित किया जाएगा। अनुशासनहीनता, आम जनता के साथ गलत व्यवहार करने वाले, भ्रष्टाचार एवं गलत कायों में लिप्त पुलिसकर्मियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। पुलिस कर्मियों के कल्याण, प्रमोशन एवं पुलिस आधुनिकरण पर जोर रहेगा। पुलिसकर्मियों का मनोबल ऊँचा रहे इस पर भी काम किया जाएगा। पुलिसकर्मियों के समय पर विभागीय प्रमोशन और नई भर्ती हेतु कार्य किया जाएगा। पुलिसकर्मियों की समस्याओं के समाधान हेतु मुख्यालय स्तर पर ‘पुलिसजन समाधान समिति’ का गठन कर एक व्हट्सएप नम्बर भी जारी किया जाएगा।
वहीं, पुलिस मुख्यालय, आज अनिल रतूड़ी, डीजीपी के अधिवर्षता आयु पूर्ण करने के उपरान्त सेवानिवृत्त हुए।विदाई समारोह में वक्ताओं ने सेवानिवृत्ति हो रहे श्री रतूड़ी द्वारा पुलिस विभाग में अपने सेवाकाल के दौरान किए गये कार्यो की सराहना की तथा अपेक्षा की गयी कि भविष्य में भी उत्तराखण्ड पुलिस को उनके अनुभवों का लाभ एवं मार्गदर्शन मिलता रहेगा। नवनियुक्त डीजीपी अशोक कुमार ने श्री रतूड़ी को प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया।