मेरठ/देहरादून। भारत के प्रमुख वैचारिक थिंक टैंक अंब्रेला संगठन “प्रज्ञा प्रवाह” की पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र इकाई के तत्वावधान में चलाई जा रही महत्वपूर्ण वेब परिचर्चा श्रृंखला “युवा संवाद से समाधान” के अंतर्गत नवें कार्यक्रम ” पत्रकारिता एवं रोजगार के अवसर” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के आयोजन में भारतीय प्रज्ञान परिषद, मेरठ प्रांत रही। देवभूमि विचार मंच, उत्तराखंड एवं प्रज्ञा परिषद, ब्रज ने सहयोग प्रदान किया गया। कार्यक्रम आयोजन में प्रज्ञा प्रवाह पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र संयोजक भगवती प्रसाद राघव का मार्गदर्शन रहा।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार और संचार विशेषज्ञ, भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक एवं माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश ने कहा कि पत्रकारिता अथवा मीडिया को भारतीय लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा गया है। कोरोना काल ने जहां संपूर्ण समाज एवं अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया, वहीं पत्रकारिता जगत भी इससे अछूता नहीं रह पाया। पत्रकारिता में संलग्न अनेक जीवन इससे प्रभावित हुए । परंतु संपूर्ण विश्व ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के समय में भारतीय मीडिया कर्मियों की कोरोना योद्धा के रूप में उनके प्रशंसनीय योगदान के लिए सराहना की।
प्रो. सुरेश ने कहा कि जब कोई बिना उपाधि या नियत प्रशिक्षण के डॉक्टर, इंजीनियर या अधिवक्ता नहीं बन सकता फिर क्यों “सिटीजन जर्नलिस्ट” नामक भ्रमित नामकरण किया जा रहा है? क्या बिना वैध शिक्षा अथवा प्रशिक्षण के “सिटीजन डॉक्टर” अथवा “सिटीजन इंजीनियर” या “सिटीजन अधिवक्ता” संभव है? फिर हमने किसी भी व्यक्ति को पत्रकार बनने का अधिकार किस प्रकार दे दिया।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 ए के अंतर्गत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक बात है परंतु पत्रकारिता के लिए तो प्रशिक्षण की आवश्यकता होती ही है। इसके अपने नियम एवं प्रोटोकॉल होते हैं जिसे किसी अच्छे संस्थान या महाविद्यालय अथवा विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण के उपरांत ही प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि स्वतंत्र पत्रकारिता में दायित्व बोध अत्यंत आवश्यक है। राष्ट्र हित में ही पत्रकारिता को संलग्न रहना चाहिए। प्रोफेसर के.जी. सुरेश ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में जहां दीनदयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय एवं महात्मा गांधी जी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के विषय में चर्चा की; वहीं पत्रकारिता के नवीन तरीकों एवं तकनीकों – यूट्यूब चैनल, मोबाइल जर्नलिज्म, पत्रकारिता में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का योगदान, वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी जैसे अन्य विषयों का भी सरल रूप में परिचय करवाया।
इस अवसर पर उन्होंने गूगल मीट के वर्चुअल मंच से ही उपस्थित जनों को प्रेरित करते हुए कहा कि जिस प्रकार अपने जीवन में हमें पॉजिटिव सोच रखनी चाहिए, उसी प्रकार पत्रकारिता में भी समस्या केंद्रित पत्रकारिता से समाधान आधारित पत्रकारिता की ओर जाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के संयोजक मंडल में डॉ प्रवीण कुमार तिवारी, शुभ गुप्ता,आदर्श चौधरी एवं अनुराग विजय अग्रवाल, अंजलि वर्मा मुख्य रूप से रहे। कार्यक्रम में प्रज्ञा प्रवाह पश्चिम उत्तर प्रदेश के अंतर्गत तीनों प्रांतों के अध्यक्ष, संयोजक, सहसंयोजक, प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्य, मंडल संयोजक, जिला संयोजक एवं अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।