24 Aug 2025, Sun

हरक सिंह का नया राजनीतिक पैतरा, बोले 2022 में नहीं लडूंगा विधान सभा चुनाव

-दबाव की राजनीति, कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाये जाने के बाद दिया बयान
देहरादून। उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के 2022 में विधानसभा चुनाव न लड़ने के बयान के बाद उत्तराखण्ड राजनीतिक गलियारे में कई खबरें तैरने लगी है। हरक सिंह के इस बयान को राजनीतिक दबाव बनाने का एक पैतरा माना जा रहा है। हरक सिंह को श्रम मंत्रालय के अधीन कर्मकार कल्याण बोर्ड के अक्ष पद से हटाये जाने के बाद उनकी नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है। पहले भी नब्बे के दशक में भाजपा सरकार में पहली बार मंत्री बनने से हरक सिंह रावत के राजनीतिक जीवन की स्वर्णिम शुरुआत हुई थी, लेकिन ज्वाल्पा धाम में भाजपा संगठन के चुनाव के दौरान उनके समर्थकों की अराजकता और हंगामे के कारण छह साल के लिए उनका भाजपा से वनवास हो गया था। इसके बाद, कांग्रेस उनका नया ठिकाना बना, जहां पर वह नेता प्रतिपक्ष से लेकर कैबिनेट मंत्री तक बने।
मुख्यमंत्री बनने की महत्वकांक्षा रखने वाले हरक का जब 2012 में नंबर नहीं आया और विजय बहुगुण को कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री बना दिया गया, तो हरक ने ऐलान किया था कि वह मंत्री नहीं बनेंगे। कुछ दिन तक वह मंत्री पद से दूर रहे, लेकिन जब दबाव काम नहीं आया, तो फिर मंत्री पद उन्होंने स्वीकार कर लिया।
भाजपा में घर वापसी के बाद से हरक सिंह रावत एक दिन भी सहज नही हैं। बयान के जरिये हरक सिंह रावत सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश में हैं। हरक के इस ऐलान पर न तो सरकार और न ही संगठन की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने आई है, लेकिन इसमें भाजपा के भीतर गरमाहट जरूर पैदा कर दी है। रक सिंह रावत बोर्ड के अध्यक्ष पद हटाये जाने के विवाद पर तो कुछ नहीं बोले, किन्तु उन्होंने कहा कि 2022 का चुनाव नहीं लड़ेंगे। इस संबंध में हरक सिंह रावत भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और संगठन मंत्री से बात कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि वे कई बार विधायक रह चुके हैं और अब उनकी इच्छा नहीं रह गई है। इतना कहने के बाद हरक ने यह भी साफ कर दिया कि इसका मतलब यह नहीं है कि वे सक्रिय राजनीति से दूर हो जाएंगे। अध्यक्ष पद के विवाद पर हरक ने अब साफ-साफ दोहराया कि वे मुख्यमंत्री से बात करने के बाद ही कुछ कहेंगे।

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