18 Oct 2025, Sat

सफोला लाइफ स्टडीः प्रमुख शहरों में छोटी आदतों को नजरअंदाज करने वाले

देहरादून। इस विश्व हृदय दिवस पर, सफोलालाइफ ने अपने प्रमुख अध्ययन के माध्यम से आमतौर पर नजरअंदाज की जाने वाली जीवनशैली से संबंधित आदतों के बारे में बताया है। इसमें बताया गया है कि कैसे इन लाइफस्टाअइल आदतों का उच्चै संबंध हृदय स्वास्थ्य जोखिम से है। सबसे ज्यादा चैंकाने वाली बात है हृदय के स्वास्थ्य पर इन आदतों से पड़ने वाले प्रभाव को लेकर जागरुकता का अभाव है।
इस अध्ययन में सामने आई एक प्रमुख बात यह है कि भारत के प्रमुख शहरों में रहने वाले 64 प्रतिषत लोगों में हृदय का जोखिम अधिक है जोकि नींद की कमी, तनाव, सुस्त् जीवनशैली, समय पर भोजन न करना और बेली फैट (पेट के पास जमा चर्बी) जैसे एक या अधिक आदत को प्रदर्शित करते हैं।
भारत स्वास्थ्य के प्रति सचेत हो रहा है, लेकिन हृदय के स्वास्थ्य पर जागरूकता अब भी कम है। हमारे जीवन की छोटी-छोटी आदतें, जिन पर हम ध्यान नहीं देते हैं, चुपचाप हमारे हृदय के लिये जोखिम बढ़ाती रहती हैं। हालांकि, हमें उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप, मधुमेह आदि जैसे मार्कर्स के बारे में जानकारी है लेकिन हम अक्सर छोटी-छोटी दिखने वाले लाइफस्टाइल आदतों से पड़ने वाले असर को लेकर जागरुक नहीं हैं जोकि हमारे नियंत्रण में होती हैं। इन आदतों के प्रभाव को समझकर हम हृदय के स्वास्थ्य पर जागरूकता एवं देखभाल को बेहतर बना सकते हैं। इसलिये, हृदय को खतरा देने वाली जीवनशैली की इन आदतों पर अधिक जागरूकता उत्पन्न करने के लिये सफोलालाइफ ने एक सर्वे का आयोजन किया जिसे नील्सन द्वारा संचालित किया गया। इसमें दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद के प्रमुख शहरों में 1226 लोगों से प्रतिक्रिया ली गई। इस अध्ययन में कुछ चैंकाने वाले तथ्य सामने आये जिसमें उन लोगों में हृदय का जोखिम बढ़ने के मामले अधिक पाये गये जोकि तनावग्रस्ता हैं अथवा अपर्याप्त नींद लेते हैं। 65 प्रतिशत लोगों को तनाव और हृदय का जोखिम है, जबकि 58 प्रतिशत लोग इसे हृदय के जोखिम के महत्वपूर्ण जोखिम कारणों में नहीं गिनते हैं, यह समझ और जागरुकता के अभाव पर भी जोर देता है। भौगोलिकता और जनसांख्यिकी के आधार पर भी सफोलालाइफ ने रोचक तथ्य प्रस्तुत किये हैं।

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