24 Aug 2025, Sun

शिक्षा विभाग में बिना प्रकोष्ठ गठन के ही नियुक्ति, शिक्षा मंत्री ने जताई नाराजगी

देहरादून। उत्तराखंड शिक्षा विभाग में एक गड़बड़ झाले का खुलासा हुआ है। शिक्षा विभाग में अधिकारी-शिक्षकों ने एक बड़े कारनामे को अंजाम दिया है। शिक्षा विभाग के अधीन नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए गठित होने वाले प्रकोष्ठ की मंजूरी से पहले 13 अधिकारियों एवं शिक्षकों को तैनात कर दिया गया। ताज्जुब की बात यह है कि इस प्रकोष्ठ के गठन के लिए प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे से प्रस्ताव पर अनुमोदन नहीं लिया गया और प्रकोष्ठ के लिए नई नियुक्तियां कर डाली। एससीईआरटी और सीमेट जैसे भारीभरकम शोध संस्थानों की मौजूदगी के बावजूद नया प्रकोष्ठ बनाने की जानकारी मिलने पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय का गुस्सा भड़क उठा।

मंत्री ने शिक्षा सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरूषोत्तम से फोन पर बात कर कड़ी नाराजगी जाहिर की। कहा कि इस प्रकार नए प्रकोष्ठ के गठन की कोई जरूरत नहीं है। यह मामला शिक्षा विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। महानिदेशक-शिक्षा ने बीते रोज 13 अफसरों की प्रतिनियुक्ति के आदेश किए हैं। महानिदेशक का कहना है कि 26 अक्तूबर 2021 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। उस बैठक में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए एक स्वतंत्र प्रकोष्ठ बनाने के निर्देश दिए थे। इस प्रकोष्ठ के गठन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
नई शिक्षा नीति पर काम शुरू हो चुका है। इन कार्यों के लिए कार्मिकों की आवश्यकता है। सरकार से प्रकोष्ठ के गठन की अनुमति की प्रत्याशा में अधिकारियों को नियुक्ति किया गया है। आदेश में सभी अधिकारियो-शिक्षकों को तत्काल कार्यमुक्त करने को कहा गया है। सूत्रों के अनुसार, गुपचुप तरीके से जारी इस आदेश की जानकारी मंत्री को मिली तो वो भी हैरान रह गए।

उन्होंने कहा कि विभाग में अकादमिक शोध और प्रशिक्षण के लिए एससीईआरटी और सीमेट जैंसे संस्थान है। भारीभरकम संस्थानों के होते हुए नया प्रकोष्ठ बनाने का औचित्य नहीं है। यदि यहां दूरदराज से अफसर-शिक्षक लाकर काम कराया जाएगा तो इन संस्थानों की जरूरत ही क्या है? शाम शिक्षा मंत्री ने शिक्षा सचिव से फोन पर इस मामले में उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

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