- योगेश कुमार गोयल
राष्ट्र निर्माता माने जाने वाले शिक्षकों को सम्मान देने के लिए हमारे देश में प्रतिवर्ष 5 सितम्बर को ‘शिक्षक दिवस’ मनाया जाता है। दरअसल, 5 सितम्बर भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस होता है। राधाकृष्णन करीब चार दशकों तक एक शिक्षक के रूप में भी अपनी सेवाएं देते रहे थे। इसीलिए उनके जन्मदिवस पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के उद्देश्य से इस दिन शिक्षक दिवस मनाया जाना शुरू हुआ था। 1962 में जब डॉ. राधाकृष्णन देश के राष्ट्रपति बने तो उनके कुछ छात्र उनका जन्मदिन मनाने के उद्देश्य से उनके पास पहुंचे थे। तब उन्होंने परामर्श दिया कि उनके जन्मदिन को अध्यापन के प्रति उनके समर्पण के लिए ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाए। उसके बाद 5 सितम्बर 1962 से ही यह दिन ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाना शुरू हो गया। डॉ. राधाकृष्णन 5 सितम्बर 1888 को एक निर्धन ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे। उन्होंने मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज से शिक्षा ग्रहण करने के बाद मैसूर यूनिवर्सिटी, कलकत्ता यूनिवर्सिटी और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। इसके अलावा उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में भी दर्शन शास्त्र पढ़ाया। वे एक महान दार्शनिक और आदर्श शिक्षक होने के साथ-साथ राजनीति में भी प्रवीण थे। उन्हें देश के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान ‘भारत रत्न’ सहित विश्व के कई बड़े सम्मान भी प्राप्त हुए।
शिक्षक दिवस हमारे देश में हर साल 5 सितम्बर को मनाया जाता है। लेकिन दुनिया के बहुत सारे देशों में यह अलग-अलग दिन और अलग-अलग उपलक्ष्य में मनाया जाता है। लगभग 100 देशों में ‘शिक्षक दिवस’ 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। वर्ष 1994 में यूनेस्को द्वारा अधिकारिक रूप से 5 अक्टूबर का दिन ‘शिक्षक दिवस’ मनाने के लिए चुना गया था। तभी से अंतरराष्ट्रीय ‘शिक्षक दिवस’ 5 अक्टूबर को ही मनाया जाता रहा है। लेकिन इन 100 देशों के अलावा कई देश ऐसे भी हैं, जहां यह दिवस अलग-अलग अवसरों पर मनाया जाता है। कहीं इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहता है तो कहीं रोज की भांति नियमित कामकाज होता है।
चीन में कन्फ्यूशियस के जन्मदिन के अवसर पर 27 अगस्त 1939 को ‘शिक्षक दिवस’ मनाना आरंभ किया गया था। लेकिन 1951 में यह घोषणा वापस ले ली गई। फिर 10 सितम्बर 1985 को ‘शिक्षक दिवस’ मनाया जाने लगा। रूस में 1994 से 5 अक्टूबर को ही ‘शिक्षक दिवस’ मनाया जाता है। वहां 1965 से 1994 तक अक्टूबर माह के पहले रविवार को ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाता रहा। ईरान में 2 मई 1980 को प्रोफेसर अयातुल्लाह मोर्तेजा मोतेहारी की हत्या के बाद उसी दिन को’ शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाने लगा। मलेशिया में ‘शिक्षक दिवस’ को ‘हरि गुरू’ के नाम से जाना जाता है, जो 16 मई को मनाया जाता है। वहां 16 मई 1956 को रजाक रिपोर्ट स्वीकृत हुई थी, जिसके आधार पर वहां शिक्षा प्रणाली का चयन हुआ था। इसी दिन को बाद में ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाने लगा।
थाईलैंड में 1957 से ही प्रतिवर्ष 16 जनवरी को ‘शिक्षक दिवस’ मनाया जाता है। उस दिन वहां सभी स्कूलों में अवकाश रहता है। तुर्की में ‘शिक्षक दिवस’ 24 नवम्बर को मनाया जाता है जबकि अमेरिका में ‘शिक्षक दिवस’ 6 मई को मनाया जाता है। इस उपलक्ष्य में माह के पहले सप्ताह में हफ्तेभर तक आयोजन होते हैं। आस्ट्रेलिया में ‘शिक्षक दिवस’ अक्टूबर माह के अंतिम शुक्रवार को मनाया जाता है जबकि अर्जेन्टीना में ‘शिक्षक दिवस’ का आयोजन डोमिनो फास्टिनो सामिएटो की मृत्यु के दिन 11 सितम्बर को होता है। वियतनाम में 1958 में 20 नवम्बर को पहली बार ‘शिक्षक दिवस’ अंतरराष्ट्रीय शिक्षकों के घोषणा पत्र के रूप में मनाया गया था। 1982 में इसे पुनः नामांकित कर वियतनामी ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में घोषित किया गया। पेरू में 6 जुलाई 1953 को वहां के राष्ट्रपति मैनुएल ए आड्रिया ने एक अध्यादेश पारित कर इस दिन को ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में घोषित किया था। पाकिस्तान में ‘शिक्षक दिवस’ 5 अक्टूबर को ही मनाया जाता है। चिली में 16 अक्टूबर को शिक्षकों के कॉलेज की स्थापना हुई थी। उसी उपलक्ष्य में वहां 16 अक्टूबर 1977 से उसी दिन ‘शिक्षक दिवस’ मनाया जाने लगा। ब्राजील में ‘शिक्षक दिवस’ का आयोजन 15 अक्टूबर को किया जाता है। दरअसल 15 अक्टूबर 1827 को वहां पेड्रो ने प्राथमिक शिक्षा को नियंत्रित किया था। लेकिन आधिकारिक रूप में 15 अक्टूबर को ही ‘शिक्षक दिवस’ मनाने के लिए मान्यता 1963 में मिली थी।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।)