नई दिल्ली (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. इंद्रेश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है और वह विभाजन के कगार पर खड़ा है।
इंद्रेश कुमार ने विश्व हिंदी परिषद और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) द्वारा यहां संयुक्त रूप से आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन से इतर पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंन कहा कि विभाजन के बाद पाकिस्तान का गठन किया गया था। पाकिस्तान इसके बाद 1971 में एक बार फिर विभाजित हुआ। आज यह पांच-छह टुकड़ों में विभाजित होने के कगार पर है। पख्तूनिस्तान, बलूचिस्तान और सिंध उससे अलग होना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ भी पाकिस्तान के विभाजन की भविष्यवाणी कर रहे हैं। असल में पाकिस्तान दिन-ब-दिन कमजोर होता जा रहा है।
इससे पूर्व सम्मेलन का शुभारंभ गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. इंद्रेश कुमार, विश्व हिंदी परिषद के महासचिव डॉ. बिपिन कुमार, जेडीयू के नेता के.सी. त्यागी, नीति आयोग के प्रमुख सलाहकार अनिल श्रीवास्तव, एनडीएमसी के सचिव रश्मि सिंह द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इंद्रेश कुमार ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी मानवीय जीवन के अनुकूल भाषा है। उन्होंने मोदी सरकार की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि हम 70 साल तक विदेशी मेहमानों को उपहार में ताज सौंपते थे। आज पांच साल से हम उन्हें ‘गीता’ सौंप रहे हैं। आज भारत दुनिया का नेतृत्व कर रहा है।
गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ बिताए एक पल को साझा किया और हिंदी के महत्व पर रोशनी डालते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति की वो बात नहीं रही, बच्चे बिगड़ रहे हैं। हिंदी और भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए सभी को आगे आना होगा। इस दौरान सिन्हा ने महात्मा गांधी के जीवन पर भी रोशनी डाली और कहा कि गांधी सत्य का प्रयोग करते थे और वे ऐसा करने में किसी से डरते नहीं थे। जब भी हिंदी की बात आती है, गांधी की बात जरूर होती है। नेल्सन मंडेला की बात जरूर होती है| हिंदी दिल की भाषा है, लेकिन इसे पेट की भाषा बनाने की जरूरत है। जब हिंदी पेट की भाषा बनेगी तब हर लोग अपने बच्चे को हिंदी में पढ़ाने में गर्व महसूस करेंगे। उन्होंने सम्मेलन में मौजूद लोगों से आह्वान किया कि हिंदी को हीन भावना से न बोले, हिंदी को परिवार की भाषा बनाएं।
केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने महात्मा गांधी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि ‘स्वच्छ भारत व खादी’ सहित गांधी के हर सपने को साकार करने का जिम्मा प्रधानमंत्री मोदी को मिला। गांधी की इच्छा थी कि आजादी के बाद भारत कांग्रेस से मुक्त हो, लेकिन आज 70 साल बाद मोदी के नेतृत्व में ही गांधी का एक और सपना पूरा होने को है।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि बिना भाषा की पहचान का कोई राष्ट्र राष्ट्र नहीं कहलाता। उन्होंने इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को याद करते हुए कहा कि अटल और सुषमा हिंदी के वो वक्ता थे जो अपने हिंदी वाणी से विरोधियों पर भी छाप छोड़ जाते थे। कार्यक्रम में उपस्थित जेडीयू के वरिष्ठ नेता के.सी.त्यागी ने कहा कि हम भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बहुत-बहुत बधाई देते हैं कि गांधी की 150वीं जयंती को देश और दुनियाभर में धूमधाम से मनाने का फैसला लिया है।
त्यागी ने कहा कि गांधी के सपने को साकार करने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पहली बार संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण दिया था। आज जब भी हिंदी की बात होती है तो मेरे स्मरण में स्वर्गीय सुषमा स्वराज जरूर आती हैं।
हिन्दुस्थान समाचार