मेरठ/देहरादून। तपोभूमि विचार परिषद मेरठ इकाई की आम बैठक का आज ऑनलाइन आयोजन किया गया। बैठक में कोराना के कारण हो रहे रिवर्स माइग्रेशन को गुणात्मक रूप से लेने पर जोर दिया गया। बैठक में वक्ताओं ने लाॅकडाउन के कारण गांव वापस आ रहे लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ-साथ बड़े पैमाने पर डाटाबेस तैयार करने की बात कही।
बैठक में प्रज्ञा प्रवाह के क्षेत्र संयोजक श्री भगवती प्रसाद ‘राघव’ ने कहा कि भविष्य के कार्यक्रमों की योजनाओं के आधार पर अपने-अपने कार्यक्षेत्र अमल में लायें। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता शिक्षण एवं अन्य क्षेत्रों में संलग्न रहने के साथ-साथ संगठन का भी कार्य कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं का दायित्व है कि वह पारिवारिक भाव से संगठन में एक दूसरे का सहयोग करें और ’राष्ट्र सर्वोपरि’ की भावना से कार्य करें।
मंच के संयोजक श्री अवनीश कुमार द्वारा कार्यकर्ताओं को सांगठनिक सूत्र बताए गए। उन्होंने तपोभूमि विचार परिषद को तहसील स्तर तक विस्तार देने के लिए प्रेरित किया।
प्रांतीय शोध संयोजक प्रोफेसर बीरपाल ने शोध को बढ़ावा देने के लिए प्रांतीय स्तर पर सभी विश्वविद्यालयों की अकादमिक काउंसिलों से संपर्क करने की बात कही। सहारनपुर स्थित भारत केंद्रित शोध संस्थान के निदेशक डॉक्टर कुल बंसल ने कहा कि वामपंथी इतिहासकारों द्वारा गलत रूप से प्रचारित एवं प्रचलित तथ्यों को वास्तविक स्वरूप में रखने के लिए संस्थान शोध में संलग्न है।
डॉक्टर मनीषा शर्मा जी एवं डॉ बबली रानी ने कहा कि आज एक बार फिर से महिलाएं न सिर्फ परिवार, बल्कि समाज में भी अपनी भूमिकाओं को अच्छी तरह से निभा कर भारत को विश्व गुरु बनाने में अपना सहयोगरत हैं।
सहसंयोजक अनुराग विजय अग्रवाल द्वारा पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र में चल रही वेबीनार श्रृंखला ’युवा संवाद से समाधान’ के विषय में जानकारी उपलब्ध करवाई गई। उन्होंने बताया कि इस श्रृंखला का दूसरा वेबीनार 14 जून को ब्रज प्रांत द्वारा आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मेरठ प्रांत में भी युवाओं की एक टोली तैयार करने की कार्य योजना बनी है, जिसके अंतर्गत शीघ्र ही तपोभूमि विचार परिषद एवं एनजीओ वेद इंटरनेशनल सोसायटी के तत्वधान में एक वेबीनार एमसीएक्स एवं सेबी के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
अपने अध्यक्षीय भाषण में सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद करते हुए मंच के अध्यक्ष डॉ एलएस बिष्ट ने कहा की भारत फिर से विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है और सभी कार्यकर्ताओं को इस दिशा में पूरे मनोयोग से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि महिलाओं को परिवार और कार्यस्थान दोनों से सामंजस्य बिठाना पड़ता है, तो उनको भी तपोभूमि विचार परिषद से जोड़ने के समुचित प्रयास हों। संगठन में भी प्रांतीय स्तर पर महिलाओं को समायोजित करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण रिवर्स माइग्रेशन को गुणात्मक रूप से लेने की आवश्यकता है और जो भाई-बहन पुनः अपने-अपने गांव-शहरों में वापस आ रहे हैं, उनको भी रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए एक विस्तृत डेटाबेस प्रशासन के साथ मिलकर बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए इस विषय को भी अपनी प्राथमिकताओं में रखने के लिए कहा। बैठक का संचालन सचिव डॉ चंद्रशेखर द्वारा किया गया।
बैठक में मुख्य रूप से प्रो. एस.सी. वाष्णेय, प्रो. सूर्य प्रकाश अग्रवाल, डॉ राजीव कुमार, डॉ हवेंद्र, डॉ प्रदीप, डॉ योगेश , डॉ रीता सिंह, डॉ जितेंद्र सिंह ने विचार व्यक्त किए।