8 Jul 2025, Tue

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अध्ययन के लिए प्रो. एमएसएम रावत की अध्यक्षता में बनेगी उच्च स्तरीय कमेटी

  • यह कमेटी 40 दिनों के भीतर शासन को देगी अपने सुझाव
देहरादून। उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय स्थित सभागार में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिसमें राज्य विश्वविद्यालय के कुलपतियों, निदेशक उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा व शासन के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विस्तृत अध्ययन करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाये, जो 40 दिनों के भीतर अपने सुझाव शासन को प्रस्तुत करेगी।
नई शिक्षा नीति पर चर्चा के दौरान विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी, जिसमें प्रमुख रूप से राज्य शिक्षा आयोग का गठन, राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों को विश्वविद्यालयों व स्वायत्तशासी महाविद्यालय बनाये जाने, बहुविषय विश्वविद्यालय की स्थापना, कोर्स स्ट्रक्चर तैयार किये जाने, वार्षिक परीक्षा प्रणाली खत्म कर सेमेस्टर प्रणाली प्रारम्भ कर क्रेडिट बेस सिस्टम लागू करने तथा प्रत्येक जनपद में समावेशी महाविद्यालय बनाये जाने पर सहमति बनी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विस्तृत अध्ययन के लिए गढ़वाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं सलाहकार उच्च शिक्षा प्रो. एमएसएम रावत की अध्यक्षता में कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया गया, जिसमें समस्त राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति, निदेशक उच्च शिक्षा, उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति व शासन स्तर से सचिव स्तर का अधिकारी बतौर सदस्य रहेंगे, जो 40 दिनों के भीतर सुझाव शासन को प्रस्तुत करेंगे।
परिचर्चा के दौरान उच्च शिक्षा विशेषज्ञों ने बताया कि बहुविषयक शिक्षा के प्रावधान के तहत स्नातक उपाधि तीन या चार वर्ष की अवधि की होगी, जिसमें छात्रों को किसी भी विषय या क्षेत्र में एक साल पूरा करने पर प्रमाण पत्र, दो साल पूरा करने पर डिप्लोमा, तीन वर्ष की अवधि के बाद स्नातक की डिग्री प्रदान की जायेगी जबकि चार वर्ष के कार्यक्रम में शोध सहित डिग्री प्रदान की जायेगी। पीएचडी के लिए या तो स्नातकोतर डिग्री या शोध के साथ चार वर्ष की स्नातक डिग्री अनिवार्य होगी। इसके अलावा नई शिक्षा के तहत तीन प्रकार के शिक्षण संस्थान होंगे, जिसमें अनुसंधान विश्वविद्यालय, शिक्षण-अनुसंधान, स्वायत्त महाविद्यालय शामिल है जबकि एफिलेटिंग विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों का कान्सेप्ट समाप्त हो जायेगा।
बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनन्द वर्द्धन, उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा उन्नयन समिति डॉ. बीएस बिष्ट, दिप्ती रावत, कुलपति मुक्त विश्वविद्यालय प्रो. ओपीएस नेगी, कुलपति श्रीदेव सुमन विवि प्रो. पीपी ध्यानी, कुलपति तकनीकि विवि प्रो. एनएस चौधरी, कुलपति कुमांउ विवि डॉ. एनके जोशी, कुलपति सोबन सिंह जीना विवि अल्मोड़ा प्रो. एनएस भण्डारी, अपर सचिव डीके चौधरी, प्रो. एमएसएम रावत, प्रो. केडी पुरोहित, निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. कुमकुम रौतेला, संयुक्त निदेशक डॉ. पीके पाठक, प्रो. एचसी पुरोहित, अपर सचिव झरना कमठान, अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा रवनीत चीमा, संयुक्त सचिव एमएम सेमवाल, कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी, बीसी जोशी, एमएस मन्दरवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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