अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम लला की 51 इंच की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद 500 वर्षों का इंतजार समाप्त हो गया है। अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश में उल्लास का माहौल है। भगवान राम के बाल स्वरूप की मूर्ति काफी मनमोहक है। इस मूर्ति को कर्नाटक के अरुण योगीराज ने बनाया है।

रामलला की मूर्ति को सिर से पैर तक कई आभूषणों से सजाया गया है। राजसी आभूषणों के बीच फूलों की सजावट साफ देखने को मिल रही है। अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का विधान पूरा हो गया है। श्रीराम के प्रथम दर्शन हो गए हैं। इससे पहले मंदिर के गर्भगृह में मोदी पहुंचे और उन्होंने प्राण-प्रतिष्ठा पूजा के लिए संकल्प लिया। फिर पूजा शुरू की। पीएम ने ही रामलला की आंख से पट्टी खोली और कमल का फूल लेकर पूजन किया। रामलला पीतांबर से सुशोभित हैं। उन्होंने हाथों में धनुष-बाण धारण किया है।

रामलला को सोने का कवच कुंडल, करधन माला पहनाई गई। मुकुट समेत सभी आभूषणों का वजन करीब 5 किलो बताया जा रहा है। भगवान के हाथ में सोने का धनुष बाण है।
अयोध्या में इस वक्त जश्न का माहौल है। हर तरफ भगवा लहर देखी जा रही है। पूरे अयोध्या में सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विधि-विधान से पूजा शुरू की। गर्भ गृह में बाल राम सोने के आभूषणों से सजे हुए हैं। 7 हजार से ज्यादा मेहमानों को इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए निमंत्रण दिया गया है। फिल्मी जगत से लेकर औद्योगिक जगत के लोग इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। देश-विदेश से कई अतिथि पहुंचे हैं। इनमें संघ प्रमुख मोहन भागवत, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, मुकेश-नीता अंबानी, गौतम अडाणी, अमिताभ बच्चन, रजनीकांत शामिल हैं। पीएम नरेंद्र मोदी सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर अयोध्या पहुंचे। उधर, पूजन के दौरान सेना के हेलिकॉप्टर से अयोध्या में पुष्प वर्षा की गई।

सोमवार सुबह समारोह की शुरुआत मंगल ध्वनि से हुई। सुबह 10 बजे से 18 राज्यों के 50 वाद्ययंत्र बजाए रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर बनाने वाले श्रमजीवियों से मुलाकात किया। कुबेर टीला जाकर भगवान शिव का पूजन भी किया।

अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को संबोधित किय। इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि कहने को तो कितना कुछ है, लेकिन गला जाम हो गया है। पीएम ने इस शुभ घड़ी की देसवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि वह गर्भगृह में ऐश्वर्य चेतना का साक्षी बनकर सबके सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि अब रामलला टेंट में नहीं रहेंगे, वे अब दिव्य मंदिर में रहेंगे। पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि जो घटित हुआ, उसकी अनुभूति देश और दुनिया के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी। यह क्षण अलौकिक है। यह माहौल, यह घड़ी हम सब पर प्रभु श्री राम का आशीर्वाद है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख और इस पल को याद रखेंगे। लोग हजारों साल बाद भी इस पल की चर्चा करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि ये राम की ये कितनी बड़ी कृपा है कि हम सब इस पल को जी रहे हैं और इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं। इसके साथ ही देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि वह भगवान राम से क्षमा याचना करते हैं, क्यों कि हमारे पुरुषार्थ, त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि इतनी सदियों तक यह कार्य नहीं किया जा सका। लेकिन आज वह कमी पूरी हुई है। पीएम ने विश्वास जताया कि भगवान राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे।

पीएम मोदी ने राम मंदिर के शिलान्यास के दौरान भी भगवान राम के सामने हुए थे दंडवत। इस बार राम मंदिर में मूर्ति की स्थापना के बाद पीएम मोदी साष्टांग हुए। पीएम मोदी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के संबोधन में कहा कि आज हमारे प्रभु राम आ गए हैं। संबोधन करते हुए पीएम मोदी भावुक हो गए।

संबोधन में प्रभु राम से माफी मांगते हुए कहा-‘यह सामान्य समय नहीं है। यह काल के चक्र पर सर्वकालिक स्याही से अंकित हो रही अमिट स्मृति रेखाएं हैं। साथियों हम सब जानते हैं कि जहां राम का काम होता है, वहां पवनपुत्र हनुमान अवश्य विराजमान होते हैं. मैं रामभक्त हनुमान को प्रणाम करता हूं। मैं माता जानकी, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को प्रणाम करता हूं। मैं सबको प्रणाम करता हूं। मैं इस पल दैवीय अनुभव कर रहा हूं। वे दिव्य आत्माएं, वे दैवीय विभूतियां भी हमारे आसपास उपस्थित हैं. मैं इन सबको नमन करता हूं। मैं प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग और तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक यह कार्य नहीं कर पाए।

संबोधन करते हुए पीम मोदी ने कहा कि अब से हमारे प्रभु टेंट में नहीं रहेंगे, वे मंदिर में रहेंगे। उन्होंने कहा- ‘हमारे राम लला अब टेंट में नहीं रहेंगे, वे अब दिव्य मंदिर में रहेंगे. मेरा पक्का विश्वास है कि जो घटित हुआ है उसकी अनुभूति देश और दुनिया के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी। यह क्षण अलौकिक है… यह माहौल, यह घड़ी हम सब पर प्रभु श्री राम का आशीर्वाद है।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघचालक मोहन भागवत ने कहा, ‘आज अयोध्या में रामलला के साथ भारत का स्वर लौट कर आया है। पूरे विश्व को त्रासदी से राहत देने वाला एक नया भारत खड़ा होके रहेगा। आज का कार्यक्रम इसका प्रतीक है। जोश की बातों में होश की बातें करने का काम मुझे सौंपा जाता है। मोहन भागवत ने कहा, प्रधानमंत्री जी ने तप किया, अब हमें भी तप करना है। राम राज कैसा था, यह याद रखना है। हम भी भारत वर्ष की संतानें हैं। कोटि-कोटि कंठ हमारे हैं, जो जयगान करते हैं। हमें अच्छा व्यवहार रखने का तप-आचरण करना होगा। हमें भी सारे कलह को विदाई देनी होगी। छोटे-छोटे परस्पर मत रहते हैं, छोटे-छोटे विवाद रहते हैं। उसे लेकर लड़ाई करने की आदत छोड़नी पड़ेगी।’ भागवत ने कहा, ‘सत्य कहता है कि सभी घटकों राम हैं। हमें समन्वय से चलना होगा। हम सबके लिए चलते हैं, सब हमारे हैं, इसलिए हम चल पाते हैं। आपस में समन्वय रखकर व्यवहार रखना ही सत्य का आचरण। करुणा दूसरा कदम है, जिसका मतलब है सेवा और परोपकार।’

मोहन भागवत ने कहा, ‘आज अयोध्या में रामलला के साथ भारत का स्वर लौट कर आया है। पूरे विश्व को त्रासदी से राहत देने वाला एक नया भारत खड़ा होके रहेगा। आज का कार्यक्रम इसका प्रतीक है। जोश की बातों में होश की बातें करने का काम मुझे सौंपा जाता है। मोहन भागवत ने कहा, प्रधानमंत्री जी ने तप किया, अब हमें भी तप करना है। राम राज कैसा था, यह याद रखना है। हम भी भारत वर्ष की संतानें हैं। कोटि-कोटि कंठ हमारे हैं, जो जयगान करते हैं। हमें अच्छा व्यवहार रखने का तप-आचरण करना होगा। हमें भी सारे कलह को विदाई देनी होगी। छोटे-छोटे परस्पर मत रहते हैं, छोटे-छोटे विवाद रहते हैं। उसे लेकर लड़ाई करने की आदत छोड़नी पड़ेगी।’ भागवत ने कहा, ‘सत्य कहता है कि सभी घटकों राम हैं। हमें समन्वय से चलना होगा। हम सबके लिए चलते हैं, सब हमारे हैं, इसलिए हम चल पाते हैं। आपस में समन्वय रखकर व्यवहार रखना ही सत्य का आचरण। करुणा दूसरा कदम है, जिसका मतलब है सेवा और परोपकार।’

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य योगी ने कहा कि रामलला सिहांसन पर बैठ रहे हैं। भारत को इसी दिन की प्रतीक्षा थी। रामलला की क्षवि बिल्कुल वैसी है जैसा तुलसीदास ने कहा था। भाग्यवान है आज की पीढ़ी जो इस पल के साक्षी बन रहे हैं। आज पूरी दुनिया अयोध्या के वैभव के निहार रही है। अयोध्या नगरी विश्व की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित हो रही है।

योगी ने कहा, ‘प्रभु राम लला के भव्य, दिव्य और नव्य धाम में विराजने की आप सभी को कोटि-कोटि बधाई… मन भावुक है… निश्चित रूप से आप सब भी ऐसा महसूस कर रहे होंगे… आज इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत का हर नगर, हर ग्राम अयोध्या धाम है… हर मन में राम नाम है। हर आंख हर्ष और संतोष के आंसू से भीगी है। हर जुबान राम नाम जप रही है। रोम-रोम में राम रमे हैं…ऐसा लगता है कि हम त्रेतायुग में आ गए हैं।