-मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को लेकर सीएमओ में की समीक्षा बैठक
जयपुर (हि.स.)। राजस्थान के कई जिलों में तेज बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। प्रदेश के बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, बूंदी, कोटा, झालावाड़ और बारां समेत कई जिलों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। एनडीआरएफ-एसडीआरएफ तथा सेना राहत व बचाव के कामों में जुटी हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अफसरों से सभी जिलों में बारिश का फीडबैक लेकर राहत व बचाव के कामों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के कोटा व झालावाड़ में हालात सबसे ज्यादा खराब है। शनिवार को कोटा बैराज के 19 गेट खोलकर 06 लाख 78 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे निचली बस्तियों में पानी भर गया है।
चित्तौड़गढ़ जिले के भैसरोडगढ़ उपखंड क्षेत्र के एक निजी स्कूल में गए 350 से अधिक विद्यार्थी व 50 अध्यापक पानी की आवक के चलते बीते 24 घंटों से फंसे है। सभी बच्चे सुरक्षित है। प्रशासन ने उनके खाने-पीने की व्यवस्था की है और बच्चों की परिजनों से बातचीत भी कराई है। मध्य प्रदेश में चंबल के कैचमेंट एरिया में लगातार बारिश से चंबल में पानी की आवक जारी है। गांधीसागर बांध के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं। पानी की भारी आवक होने से बच्चों को रेसक्यू करने में कठिनाई आ रही है। इसलिए बांध से पानी कम होने का इंतजार किया जा रहा है।
रविवार को कोटा बैराज से 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। धौलपुर व करौली में चंबल उफान पर है। करौली के करणपुर क्षेत्र के कई गांव पानी से घिरे हैं। धौलपुर में चंबल खतरे के निशान से 9.21 मीटर ऊपर बह रही है। शनिवार रात तक चंबल का जलस्तर 139 मीटर पर जा पहुंचा था, जबकि खतरे का निशान 129.79 मीटर है।
आपदा प्रबंधन और कलेक्टर हालातों पर नजर रखे हुए हैं। बीसलपुर बांध के रविवार को 12 गेट खोल कर एक लाख 96 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। पानी बनास नदी में छोड़ा जा रहा है। यहां त्रिवेणी का गेज 5.70 मीटर चल रहा है। इससे बीसलपुर में पानी की आवक जारी है। अधिग्रहण इलाकों में भी बारिश के चलते बांध में पानी की आवक जारी है। पिछले तीन दिन से लगातार बारिश के बाद बांसवाड़ा में बीती रात से बारिश रुकी हुई है। प्रतापगढ़ में रविवार को रिमझिम बारिश का दौर चला। यहां बीते चार दिनों से लगातार बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। यहां अभी भी जाखम बांध पर चादर चल रही है।
चित्तौड़गढ़ जिले के भैसरोडगढ़ उपखंड क्षेत्र के एक निजी स्कूल में गए 350 से अधिक विद्यार्थी व 50 अध्यापक पानी की आवक के चलते बीते 24 घंटों से फंसे है। सभी बच्चे सुरक्षित है। प्रशासन ने उनके खाने-पीने की व्यवस्था की है और बच्चों की परिजनों से बातचीत भी कराई है। मध्य प्रदेश में चंबल के कैचमेंट एरिया में लगातार बारिश से चंबल में पानी की आवक जारी है। गांधीसागर बांध के सभी 18 गेट खोल दिए गए हैं। पानी की भारी आवक होने से बच्चों को रेसक्यू करने में कठिनाई आ रही है। इसलिए बांध से पानी कम होने का इंतजार किया जा रहा है।
रविवार को कोटा बैराज से 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। धौलपुर व करौली में चंबल उफान पर है। करौली के करणपुर क्षेत्र के कई गांव पानी से घिरे हैं। धौलपुर में चंबल खतरे के निशान से 9.21 मीटर ऊपर बह रही है। शनिवार रात तक चंबल का जलस्तर 139 मीटर पर जा पहुंचा था, जबकि खतरे का निशान 129.79 मीटर है।
आपदा प्रबंधन और कलेक्टर हालातों पर नजर रखे हुए हैं। बीसलपुर बांध के रविवार को 12 गेट खोल कर एक लाख 96 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। पानी बनास नदी में छोड़ा जा रहा है। यहां त्रिवेणी का गेज 5.70 मीटर चल रहा है। इससे बीसलपुर में पानी की आवक जारी है। अधिग्रहण इलाकों में भी बारिश के चलते बांध में पानी की आवक जारी है। पिछले तीन दिन से लगातार बारिश के बाद बांसवाड़ा में बीती रात से बारिश रुकी हुई है। प्रतापगढ़ में रविवार को रिमझिम बारिश का दौर चला। यहां बीते चार दिनों से लगातार बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। यहां अभी भी जाखम बांध पर चादर चल रही है।
प्रदेश के गांधीसागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर, कोटा बैराज, काली सिंध, बीसलपुर समेत प्रदेश के कई बांध लबालब हैं। 385 बांधों पर चादर चली है। कालीसिंध और चंबल समेत कई नदियां उफान पर हैं।
मौसम विभाग ने दी अगले 24 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौडग़ढ़, धौलपुर, डूंगरपुर, झालावाड़, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सिरोही, टोंक, उदयपुर में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसमें बारां, चित्तौडग़ढ़, झालावाड़, कोटा में रेड अलर्ट तो बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बूंदी, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही व उदयपुर में ऑरेंज अलर्ट है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को लेकर सीएमओ में समीक्षा बैठक कर हताहतों को तत्काल राहत देने के निर्देश दिए हैं।
कई जिलों में सेना ने संभाला मोर्चा
मौसम विभाग ने दी अगले 24 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौडग़ढ़, धौलपुर, डूंगरपुर, झालावाड़, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सिरोही, टोंक, उदयपुर में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसमें बारां, चित्तौडग़ढ़, झालावाड़, कोटा में रेड अलर्ट तो बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बूंदी, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही व उदयपुर में ऑरेंज अलर्ट है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को लेकर सीएमओ में समीक्षा बैठक कर हताहतों को तत्काल राहत देने के निर्देश दिए हैं।
कई जिलों में सेना ने संभाला मोर्चा
प्रदेश के कई इलाको में गत दो-तीन दिन से हो रही भारी बारिश के कारण पांच जिलों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। चंबल नदी उफान पर है। इससे सैंकड़ों गांव टापू बन चुके हैं। बाढ़ से बचाव के लिए सेना को बुलाया गया है। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें भी बचाव एवं राहत कार्यों में जुटी हुई है।
कोटा बैराज के सभी 19 और माही बांध के 16 गेट लगातार खुले हुए हैं। बिसलपुर बांध के भी 8 गेट खोलकर पानी निराला जा रहा है। पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश समेत कोटा संभाग के बारां, बूंदी और झालावाड़ समेत प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा में हो रही बारिश के कारण सभी नदी नाले भर चुके हैं। चंबल उफान मार रही है। इस कारण कोटा बैराज से लगातार गेट खोलकर पानी निकाला जा रहा है। जिस कारण कोटा शहर की कई बस्तियों में पानी भर गया है, जिससे लोग घरों में फंस गए हैं। हालात को देखते हुए यहां देर रात सेना को बुलाया गया। सेना ने कोटा शहर के नयापुरा और बालिता क्षेत्र से लोगों को नावों से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। बारां में भारी बारिश के कारण मवेशी तिनकों की तरह बह रहे हैं। कोटा के इटावा क्षेत्र में 50 से अधिक गांव टापू बन गए हैं। इटावा कस्बा 23 साल बाद टापू बना हुआ है। सैंकड़ों मकान जलमग्न हो गए हैं। एसडीआरएफ की टीम ने इटावा के किरपुरिया गांव में 250 लोगों को रेस्क्यू किया है। चंबल के बांधों से लगातार हो रही पानी की निकासी के कारण एक साल पहले बनी चंबल गैंता माखिदा पुल का एक हिस्सा धंस गया है। इस कारण पुल से भारी वाहनों का आवागमन प्रशासन ने बंद कर दिया है।
हिन्दुस्थान समाचार