नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपनी कैबिनेट बैठक में मंत्रियों को नसीहत दी कि, वे ऐसे दावें करें जो स्थापित हो सकें और मंत्रालयों में सलाहकारों की भूमिका में अपने रिश्तेदारों को नियुक्त नहीं करें। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्री परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मोदी ने मीडिया और सार्वजनिक तौर पर गैर जरूरी टिप्पणियों का हवाला दिया और मंत्रियों से स्पष्ट तौर पर कहा कि वे केवल तथ्यों को बताएं या ऐसे दावें करें जो स्थापित हो सकें।

प्रधानमंत्री ने मंत्रियों से यह भी कहा कि वे अपने संबंधित मंत्रालयों में या विभागों में सलाहकारों की भूमिका में अपने रिश्तेदारों को नियुक्त नहीं करें। शासन की ‘गति’ और ‘दिशा’ में सुधार करने के लिए मोदी ने कहा कि कैबिनेट मंत्रियों और राज्य मंत्रियों के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए। उन्होंने मंत्री को सलाह दी कि, उनका संवाद मंत्रालयों के सचिवों जैसे शीर्ष अधिकारियों तक सीमित नहीं होनी चाहिए। बल्कि वे अन्य निचले स्तर वाले अधिकारियों से भी बात करें।

मोदी मंत्रिमंडल की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रजेंटेशन दिए। अमित शाह ने अनुच्छेद 370 को लेकर विस्तार से बताया। उन्होंने जम्मू कश्मीर के इतिहास और अनुच्छेद 370 के विकास पर प्रतिकूल असर के बारे में बताया। राज्य के ताजा हालात के बारे में भी मंत्रिपरिषद को जानकारी दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मौजूदा वित्तीय हालात पर विस्तार से बताया.अर्थव्यवस्था में गति लाने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी भी उन्होंने दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मंत्रियों को सुबह साढ़े 9 बजे तक दफ्तर पहुंच जाना चाहिए और कुछ मंत्रियों को उनके निर्देश पर ध्यान देने की जरूरत है और उन्हें यह करना चाहिए। मोदी ने कहा कि उन्होंने कई बार अपने कैबिनेट सहयोगियों को अनुशासन, समय की पाबंदी और काम करने की प्रतिबद्धता के संदर्भ में नेतृत्व करने के लिए कहा है।‏