30 Jun 2025, Mon

ब्रह्मज्ञान प्राप्ति के बाद ही जीवन में आनन्द प्राप्त होताः जोगेन्द्र मनचन्दा

देहरादून। सद्गुरु का ब्रह्मज्ञान मानव को अधंकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। ब्रह्मज्ञान के बाद ही जीवन में आनन्द की प्राप्ति होती है। यह प्रवचन संत निरंकारी भवन हरिद्वार बाईपास में आयोजित दिल्ली से पधारे हुए मेम्बर इंचार्ज संत जोगेन्द्र मनचन्दा ने सद्गुरु माता सुदीक्षा सविंदर हरदेव जी महाराज का पावन आशीर्वाद देते हुए व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भक्ति का आरम्भ तभी होता है जब जीवन में सद्गुरु आता है। मनुष्य अपने जीवन में तीन मार्गों से होकर गुजरता है। 1. अधंकार से अंधकार की ओर., 2. अधंकार से प्रकाश की ओर 3. प्रकाश से प्रकाश की ओर। अर्थात् जो मनुष्य हमेशा गिले-शिकवे करता है उसका जीवन हमेशा अंधकार से अधंकार की ओर जाता है।
जो हर समय परमात्मा का शुकराना करता है उसका जीवन अंधकार से प्रकाश की ओर जाता है एवं जिसके जीवन में सद्गुरु आ जाय। वह हरपल हर घड़ी सद्गुरु एवं परमात्मा का शुकराना करता है उसका जीवन प्रकाश से प्रकाश की ओर जाता है। आपको जीवन में ऐसा सत्पुरुष मिल जाय जो आपको अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाये तो आपका जीवन प्रकाशमय हो सकता है और आपको मनुष्य जीवन का लक्ष्य एवं मंजलि प्राप्त हो सकती है। ज्ञातव्य हो कि सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने कहा था कि प्रदूषण अन्दर हो या बाहर दोनों मनुष्य के लिए हानिकारक है। बाबा जी ने अपने जन्मदिन पर स्वच्छता एवं वृक्षारोपण करके पूरे विश्व को स्वच्छता का संदेश दिया।  जहां मनुष्य जीवन में आध्यात्मिक का बहुत बड़ा महत्व है वहीं भौतिक क्षेत्र में शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए हमारा पर्यावरण भी स्वच्छ होना चाहिए। इसी कड़ी में उत्तराखण्ड सरकार के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल एवं वरिष्ठ पत्रकार गिरीश गुरुरानी ने निरंकारी भवन प्रांगण में हिमालय बचाओ, पाॅलिथीन हटाओ अभियान के तहत सफाई अभियान किया एवं पूरे संगत को स्वच्छता के प्रति जागरूकता भवना में प्रतिज्ञा भी की। इस अवसर पर अनेकों सन्तों, भक्तों ने अपने गीतों, प्रवर्चनों संगत को निहाल किया एवं मंच संचालन राजेश निरंकारी ने किया।

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