13 Mar 2025, Thu
देहरादून। उत्तराखंड राज्य के सर्वोच्च संस्था विधानसभा में पूर्व अध्यक्ष द्वारा 72 लोगों को बिना विधिक चयन प्रक्रिया अपनाये नियुक्त किया जाना पूर्णतया असंवैधानिक एवं नियम विरुद्ध है । उत्तराखंड क्रांति दल के मीडिया प्रभारी विजय बौड़ाई ने कहा कि विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष को भी कोई अधिकार नहीं प्राप्त है कि वह बिना विधिक प्रक्रिया अपनाए कोई भी नियुक्ति प्रदान करें । पूर्व विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कामकाज के सुचारु संचालन के लिए आवश्यकता पडने पर नियुक्ति करने की बात की जा रही है जो कि बहुत गलत बात है तथा जनता को मूर्ख बनाया जा रहा है। पांच वर्ष के अंतिम माह एवं विधानसभा चुनाव आचार संहिता लगने के ठीक पहले क्या जरूरत आन पड़ी कि भर्ती की जानी आवश्यक हो गयी। वास्तविकता यह है कि उनके द्वारा अपने चहेतों को नौकरी प्रदान की जानी थी । उनके द्वारा नियमानुसार भर्ती करने की बात कहना पूरी तरह से गलत है जबकि उनके द्वारा बिना चयन प्रक्रिया अपनाये तथा उत्तराखंड सरकार के सभी नियमों की धज्जियां उड़ाकर अवैध नियुक्तियां की गई हैं,जोकि पूर्णतया उत्तराखंड की जनता को धोखा देना है,इसलिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को अपने वर्तमान वित्त मंत्री पद से नैतिकता के आधार पर तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए ।
केंद्रीय मीडिया प्रभारी ने कहा कि जहां एक ओर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गलत दलील देकर पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री जी द्वारा भी गलत बयानबाजी की जा रही है ।उनके द्वारा कहा गया कि विधानसभा स्तर पर ही इन अवैध नियुक्तियों को देखा जायेगा। जबकि उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल में वित्त विभाग एवं उत्तराखंड सरकार द्वारा ही इन कर्मियों के वेतन की संस्तुति की गई है तथा सदन के नेता के तौर पर भी उनकी पूरी जिम्मेदारी है कि इस प्रकार की अनियमितता सर्वोच्च संस्था में ना हो,लेकिन फिर भी अवैध नियुक्तियां की गई।सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति विधानसभा के लिए क्यों नहीं अपनाई जा रही है। यह कहना कि सरकार का विधानसभा में इस प्रकार की नियुक्ति का कोई लेना देना नहीं है पूर्णतया गलत,गैरजिम्मेदाराना एवं निन्दनीय बयान है। इसलिए विधानसभा में अवैध रूप से नियुक्त किये गए 72 कर्मियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया जाना चाहिए साथ ही इस प्रकरण में पूर्व अध्यक्ष एवं वर्तमान में वित्तमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। विधानसभा सचिव के विरुद्ध भी आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए। श्री बौड़ाई ने जोर देकर कहा कि इस प्रकरण पर वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष को जल्द जल्द निर्णय लेना चाहिए अन्यथा उक्रांद इस प्रकरण को सीधे जनता की अदालत में ले जाएगा तथा अबकी बार उत्तराखंड की सर्वोच्च संस्था को दुरस्त करने के लिये आंदोलन किया जाएगा।

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