देहरादून। देश दुनिया में कहर बरपा रहे कोरोना महामारी से लोग खौफजदा हैं। कोविड-19 वायरस से बचने के लिए लोगों ने अपने जीवन शैली में कई बदलाव किए हैं। कोरोना वायरस इतना खतरनाक है कि इसके संपर्क में आने वाला व्यक्ति पहले खुद संक्रमित हो जाता है। साथ ही कई लोगों को जाने-अनजाने में संक्रमित कर देता है। ऐसे में इस वायरस से बचने के लिए हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में मास्क, गलब्स, सैनिटाइजर और हेंडवॉश एक अहम हिस्सा बन चुका है। कोरोना महामारी की गंभीरता को देखते हुए लोगों का मास्क, गलब्स पहना, हाथों और सामान को सैनिटाइज करना जरुरी हो चुका है। कोरोना महामारी के इस दौर में सभी तरह के कारखानों, उद्योग धंधों पर इसका काफी बुरा असर पड़ा है। वही मास्क, हेंडवॉश, गलब्स और सैनिटाइजर बनाने वाली कंपनियों का बाजार इस समय अपने चरम पर है। ऐसे में संक्रमण से बचाने वाले मास्क की बात करें तो बाजारों में कई प्रकार के मास्क आने शुरू हो चुके हैं। उत्तराखंड में विकास के लिहाज से सबसे तेज रफ्तार से दौड़ने वाला शहर देहरादून की बात करें तो जिले में 25 ऐसी कंपनियां हैं, जो कि पहले टेक्सटाइल सेक्टर में विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट बनाने का काम करती थी। लेकिन कोविड-19 की दस्तक के बाद यह सभी कंपनियां टेक्सटाइल की मांग में गिरावट और बाजार की डिमांड को देखते हुए मास्क मेन्यूफेक्चरिंग में जुट गई है। देहरादून जिला उद्योग अधिकारी शिखर सक्सेना ने जानकारी दी कि देहरादून में कई नामचीन इंडस्ट्री से लेकर मध्यम वर्ग के उद्योग और लघु उद्योगों के साथ स्वयं सहायता समूह तक मास्क बनाने में जुेट हुए हैं।