पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं पर अत्याचार को लेकर प्रज्ञा प्रवाह मुखर, पश्चिम बंगाल को कश्मीर न बनाये
देहरादून। पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार एवं हिंसा को लेकर प्रज्ञा प्रवाह पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड की वर्चुअल पत्रकार वार्ता आयोजित की गयी। पत्रकार वार्ता में बंगाल की वर्तमान भयावह स्थिति पर चिन्ता जतायी गयी और हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार एवं हिंसा के आंकड़े प्रस्तुत किये गये।
पत्रकार वार्ता में बोलते हुए पत्रकार एवं चिन्तक विकास सारस्वत ने कहा कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं का उत्पीड़न हो रहा है। हिन्दुस्तान में पहली बार ऐसा हो रहा है कि मताधिकार के कारण लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं। पश्चिम बंगाल की हिंसा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन गयी है। ममता मुस्लिम वोट पाने के लिए हिंसा से मुंह मोड़ रही है।
पश्चिम बंगाल में नियोजित ढंग से हिंसा फैलायी जा रही है। उन्होंने कहा की विश्व के सबसे बड़े लोकत्रांतिक देश भारत में इस हिंसा ने प्रश्नचिन्ह लगाया है।
उन्होंने कहा की मजहबी उन्माद के कारण पश्चिम बंगाल में मतगणना के तुरन्त बाद जैसे ही टीएमसी के जीतने का रूझान आये वैसे ही हिंसा शुरू कर दिया और पहली हत्या भाजपा के कार्यकर्ता अभिजीत की गयी। पश्चिम बंगाल की हिंसा में पुलिस मूकदर्शक बनीं रही है।
पत्रकार वार्ता में पूर्व राज्य सभा सांसद, भाजपा नेता एवं पदमभूषण स्वप्नदास गुप्ता ने कहा कि पश्चिम बंगाल की हिंसा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा अगर इस तरह की हिंसा पश्चिम बंगाल में होती रहेगी तो यह देश की आंतरिक सुरक्षा को पूरी तरह प्रभावित करेगी।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में पहले लग रहा था कि भाजपा एवं टीएमसी में कांटे की टक्कर रही है, इस दौरान टीएमसी ने हिंसा नहीं की। चुनाव आयोग ने बूथ पर कब्जा नहीं होने दिया, जिसको लेकर टीएमसी के तथाकथित कार्यकर्ता बौखला गये। इस बौखलाहट के कारण जैसे ही टीएमसी के पक्ष में आंकड़े आये उसके तुरन्त बाद हिंसा शुरू हुआ। 24 परगना क्षेत्र में टीएमसी के मुस्लिम समर्थकों ने हिन्दुओं के घरों में आक्रमण किया। बंगाल में मुस्लिमों द्वारा बुल्डोजर लेकर हिन्दुओं कई गांव तबाह किये गये। जहां भी हिंसा हुई वहां हिंसा में मुस्लिम वर्ग के लोग शामिल रहे। उन्होंने लोगों के घरों, दुकानों में लूट मार मचायी।
उन्होंने कहा कि दूसरी प्रकार की हिंसा में भाजपा के कार्यकर्ताओं को टारगेट किया गया और उन्हें घरों से भगाया गया। पश्चिमी बंगाल में हिंसा के कारण 10 से 12 हजार लोग पलायन कर गये और आज तक भी उनकी वापसी नहीं हुई है और जो वापस गये उन्हें अपमान झेलना पड़ा। हिन्दुओं को राशन नहीं दी जा रही है लोगों की दुकानों में टीएमसी के झण्डे लगा दिये। स्थिति यहां तक आ गयी कि लोगों से जजिया कर की तरह जुर्माना वसूला गया है। पश्चिम बंगाल की हिंसा के सभी सबूत मौजूद है। मीडिया ने बंगाल की हिंसा को नहीं दिखाया।
उन्होंने कहा कि लोग इतने डरे हैं कि कुछ बोलने से कतरा रहे हैं। जब एक माह गुजर गया है, अब लोग धीरे-धीरे बता रहे हैं। टीएमसी द्वारा सी0पी0आई0 की तरह ही हिंसा का रास्ता अपना रही है, अन्तर केवल इतना है कि सीपीआई की कमाण्ड सेन्ट्रल रहा लेकिन टीएमसी के स्थानीय नेताओं द्वारा हिंसा की जा रही है, जिस पर ममता का नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में इस चुनाव में मुस्लिम वोट टीएमसी को गये।
उन्होंने हिंसा के आंकड़े रखते हुए बताया कि 28 मुकदमें दर्ज हुए हैं, जबकि 78 मामले थे, पुलिस एवं प्रशासक ने हिंसा रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किये। यहीं नहीं बंगाल में गरीब लोगों की सम्पत्तियों एवं खेतखलिहान को नुकसान पहुंचाया गया है। कई जगह भाजपा को वोट देने के लिए अर्थदण्ड भी अवैध रूप से वसूली की गयी है। गरीब जनता को राशन लेने से रोका गया है।
उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व भी बंगाल में 120 हत्यायें हुई है। उन्होंने ममता बनर्जी पर त्रुष्टिकरण का आरोप लगाया और कहा कि ममता सरकार ने उन्मादियों का साथ दे रही है। टीएमसी के कैडर के कार्यकर्ताओं की हिंसा को मजहबी हिंसा में बदला गयी है। उन्होंने कहा कि बंगाल में हुई हिंसा की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी गयी है, जिसमें महिलाओं के बलात्कार के बारे में स्पष्ट लिखा गया है।
बैठक में प्रज्ञा प्रवाह के संगठन मंत्री भगवती प्रसाद, अंजलि वर्मा, चैत्यन्य, नमन गुप्ता, अनुराग, विजय अग्रवाल, प्रो0 वी0के0 सारस्वत, अवनीश त्यागी वर्चुअल पत्रकार वार्ता में उपस्थित रहे।