श्रीनगर गढ़वाल। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य व्यावसायिक योग्यता के साथ सकारात्मक नैतिक व्यक्तित्व निर्माण है और करिकुलम (पाठ्यक्रम) डिजाईन इसका महत्त्वपूर्ण पक्ष है। करिकुलम डिजाईन में नवाचार, रचानात्मकता, सकारात्मकता और उन्नयन के लिए विचारों का प्रवाह आवश्यक है। यह बात प्रो. पी. के. मिश्रा, कुलपति, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम टेक्निकल विश्वविद्यालय,लखनऊ, उत्तर प्रदेश ने कही। केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के पंडित मदन मोहन मालवीय नॅशनल मिशन फॉर टीचर्स एंड टीचिंग योजना के अंतर्गत स्थापित संकाय विकास केंद्र, हे, न.ब. गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर [गढ़वाल] उत्तराखण्ड, द्वारा आयोजित उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षको के लिए ‘नई शिक्षा नीति 2020 के सन्दर्भ में पाठ्यक्रम विकास’ विषय पर आज से एक सप्ताह तक चलने वाले ऑनलाइन शार्ट टर्म ट्रेनिंग प्रोग्राम के उद्घाटन समारोह में आज प्रो.मिश्रा बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उन्होंने पुन: कहा कि स्वतन्त्रता से पूर्व भी भारत में एक सुदृढ़ शिक्षा व्यवस्था थी और अंग्रेजों ने भारत को गुलाम बनाये रखने के लिए इसे नष्ट किया। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति नए युग के भारत को विकसित करने की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण प्रयास है। इसके अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जो प्रयास किया गया है; वह सराहनीय है; करिकुलम (पाठ्यक्रम) डिजाईन राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मूलभूत आवश्यकता है। इसके द्वारा शारीरिक, मानसिक और अध्यात्मिक दृष्टि से पूर्णत: सशक्त छात्रों को तैयार किया जा सकता है। उन्होंने शिक्षा के सम्बन्ध में गांधीजी, स्वामी विवेकनन्द और श्री औरोबिंदो के विचारों को भी उद्धृत किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. राकेश चन्द्र भट्ट, प्रति-कुलपति, हे. न. ब. गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर ने कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करना स्वागतेय है; किन्तु इसको धरातल पर उतारने की राह में अपार चुनौतियां भी हैं। करिकुलम डिजाईन नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का महत्त्वपूर्ण पक्ष है और इस पर कार्य करने की आवश्यकता है। भारत जैसे बहु सांप्रदायिक, बहुभाषीय और बहु सांस्कृतिक देश में एकरूप शिक्षा प्रणाली का क्रियान्वयन भी अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है।
कार्यक्रम की संयोजिका एवं संकाय विकास केंद्र की निदेशिका प्रो. इंदु पाण्डेय खण्डूरी ने मुख्य अतिथि, कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं प्रतिभागी शिक्षकों का स्वागत किया तथा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य, आवश्यकता एवं प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला| इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में नईदिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर-प्रदेश और उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षण संस्थानों के सदस्य सहभागिता कर रहे हैं। इसमें देश के अनेक जाने माने विषय विशेषज्ञ शिक्षण पद्धति, अध्ययन-अध्यापन पद्धति में तकनीकि, पाठ्यक्रम विकास, सीखने तथा सीखने के सिद्धांत, शोध-प्रविधि तथा मूल्याङ्कन के विविध पक्षों पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करेंगे।
डॉ राहुल कुंवर सिंह ने अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन किया, डॉ कविता भट्ट ने मुख्य अतिथि एवं कार्यक्रम अध्यक्ष का परिचय प्रस्तुत किया तथा डॉ सोमेश थपलियाल ने उद्घाटन सत्र का संचालन किया।