नई दिल्ली/देहरादून। देहरादून-मसूरी के बीच 5580 मीटर लंबे एरियल पैसेंजर रोपवे सिस्टम योजना की बाधा आखिरकार दूर हो गयी। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने हवाई यात्री रोपवे प्रणाली विकसित करने के लिए भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) की जमीन उत्तराखंड सरकार को देने की बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मसूरी स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) की 1500 वर्ग मीटर भूमि को उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित करने को अपनी मंजूरी दे दी है। इससे राज्य सरकार वहां अपनी एक आधारभूत परियोजना- देहरादून और मसूरी के बीच हवाई यात्री रोपवे प्रणाली (एरियल पैसेंजर रोपवे सिस्टम) का निर्माण कर सकेगी।
प्रस्तावित रोपवे 5580 मीटर लंबाई का मोनो-केबल रोपवे है जो पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत बनेगाI इसका निचला टर्मिनल स्टेशन देहरादून के पुर्कुल गांव में होगा और ऊपरी टर्मिनल स्टेशन लाइब्रेरी, मसूरी में होगा। 285 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाले इस रोपवे की ढुलाई क्षमता दोनों दिशाओं से 1000 यात्री प्रति घंटा होगीI इससे देहरादून और मसूरी के बीच सड़क मार्ग पर होने वाले यातायात में काफी कमी आएगी।
इसके अतिरिक्त, इस परियोजना से 350 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने के साथ ही 1500 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। परियोजना के पूर्ण हो जाने के बाद यह रोपवे पर्यटकों के लिए बहुत बड़े आकर्षण का केंद्र भी होगा जिससे राज्य में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलने के साथ ही पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के अतिरिक्त अवसरों का भी सृजन हो सकेगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की मसूरी में 1500 वर्ग मीटर भूमि को बाज़ार दरों पर उत्तराखंड सरकार को हस्तांतरित की मंजूरी दिए जाने पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का आभार व्यक्त किया और उन्होंने कहा कि इस परियोजना से उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा एवं विकास को मजबूती मिलेगा।
जानकारी के अनुसार, प्रस्तावित रोपवे 5580 मीटर लंबाई का मोनो-केबल रोपवे है जो सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) के तहत बनेगा । इसका निचला टर्मिनल स्टेशन देहरादून के पुर्कुल गांव में होगा और ऊपरी टर्मिनल स्टेशन, लाइब्रेरी, मसूरी में होगा। इस रोपवे की अनुमानित लागत 285 करोड़ रुपये है। इससे देहरादून और मसूरी के बीच सड़क मार्ग पर होने वाले यातायात में काफी कमी आएगी।