15 Mar 2025, Sat

देवभूमि विचार मंच की बेविनार में समसामयिक विषयों पर शोध को बढ़ावा देने पर दिया गया जोर

देहरादून। देवभूमि विचार मंच की आनलाइन बैठक में समसामयिक विषयों पर शोध करने पर चर्चा करते हुए शोध की दिशा में शोधकर्ताओं के सुझाव आमंत्रित किये गये। आनलाइन बैठक में वक्ताओं ने विभिन्न विषयों पर शोध की दशा व दिशा पर गंभीर कार्यप्रणाली अपनाने तथा व्यवहारिक कार्य की दिशा में चर्चा की गयी। देवभूमि विचार मंच के प्रांतीय शोध टोली की बैठक प्रांत शोध संयोजक के संयोजकत्व में सम्पन्न हुई। बैठक में प्रज्ञा प्रवाह के पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के क्षेत्र संयोजक भगवती प्रसाद राघव, देवभूमि विचार मंच के अध्यक्ष चैतन्य भंडारी, तपोभूमि विचार परिषद के अध्यक्ष एलएस बिष्ट ने बैठक में कई विषयों पर विस्तृत चर्चा की। बैठक की प्रस्तावना प्रांत शोध संयोजक डॉ देवेश कुमार मिश्र ने रखी तथा देवभूमि विचार मंच द्वारा संचालित आर्यावर्त शोध संस्थान की संरचनात्मक स्थिति पर विचार करते हुए शोध की दशा व दिशा पर गंभीर कार्यप्रणाली अपनाने के विषय में देवेश कुमार मिश्र द्वारा सभी के सुझाव आमंत्रित किए गए।
शोध संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर.के. गुप्ता, उप निदेशक डॉक्टर मेहरबान सिंह गोसाई तथा शोध की प्रांत समन्वयक प्रोफेसर सोनू द्विवेदी ने भी अपने विचार रखे। इस बैठक में सम्मिलित होने वाले अन्य सदस्यों में डॉ जटा शंकर तिवारी, डॉ रश्मि पन्त, डॉ चन्द्रावती जोशी, डॉ कविता बिष्ट, डॉ पंत उषा जोशी व डॉ गगन सिंह ने महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों को किस तरह से जोड़ा जाए व साथ ही भारतीयता से सम्बंधित विषयों के सम्बन्ध में लघु शोध करने के लिए कैसे उनको जागरूक किया जाए इस बात पर भी बल दिया गया। तात्कालिक विषयों व समसामयिक विषयों पर शोध कार्यों को गति प्रदान करने के लिए विषय विशेषज्ञों का पैनल बनाने व मासिक या त्रैमासिक आधार पर संगोष्टी आयोजित करने की भी चर्चा की गई।
वेबिनार व संगोष्ठियों से प्राप्त होने वाले प्रामाणिक शोध पत्रों का निश्चित समयान्तराल पर प्रकाशन सुनिश्चित करने पर भी बल दिया गया। शोध केंद्र से सम्बंधित सभी दायित्वधारियों के आपसी समन्वय व शोध कार्यों को गति प्रदान करने के लिए निश्चित समयान्तराल पर बैठकें आयोजित करने पर बल दिया गया। डॉ देवेश कुमार मिश्र द्वारा कोरोना महामारी के संदर्भ में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार कराए जाने संबंधी विचार भी व्यक्त किए गए।  अंत में डॉ जटाशंकर तिवारी शोध केंद्र समन्वयक आर्यावर्त शोध संस्थान के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ बैठक का समापन हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *