देहरादून। प्रदेश की राजधानी में प्रत्येक वर्ष लगने वाले प्रसिद्ध झण्डे मेले की शुरूआत आज दरबार साहिब के श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज ने श्रीझंडे जी का आरोहण कर किया। श्री झण्डे जी के आरोहण के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से आये श्रद्धालुओं के जयकारों के साथ जत्थों में संगतें आने लगी है। प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, मानवता, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक ऐतिहासिक श्री झंडा जी मेले का श्री झंडा जी आरोहण के साथ ही शुभारंभ हो गया।
दूध, दही, घी, मक्खन, गंगाजल और पंचगव्यों से नए श्री झंडे जी को स्नान कराया गया। विधिवत वैदिक विधान से पूजा अर्चना के बाद अरदास हुई। दस बजे से श्री झंडे जी (पवित्र ध्वजदंड) पर गिलाफ चढ़ाने का कार्य शुरू किया जाएगा। फिर श्री झंडे जी का विधिवत आरोहण किया जाएगा। इसका एलईडी स्क्रीन के माध्यम से प्रसारण किया जा रहा है। ऐतिहासिक मेले के लिए 90 फीट ऊंचा ध्वजदंड कंधों पर उठाकर संगत पहुंची थी।
श्री दरबार साहिब देहरादून के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुआई में 24 मार्च को ऐतिहासिक नगर परिक्रमा होगी। नगर परिक्रमा सुबह साढ़े सात बजे से शुरू होगी। श्री दरबार साहिब, श्री झंडा जी मेला आयोजन समिति के व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि परंपरानुसार श्री झंडे जी आरोहण के तीसरे दिन नगर परिक्रमा का आयोजन किया जाता है।
नगर परिक्रमा सहारनपुर चौक, कांवली रोड होते हुए श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल, बिंदाल पहुंचेगी। यहां से तिलक रोड, टैगोर-विला, घंटाघर से पलटन बाजार होते हुए लक्खीबाग पुलिस चौकी से रीठा मंडी, श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल बॉम्बे बाग पहुंचेगी। इसके बाद ब्रहमलीन श्रीमहंत साहिबान के समाधि स्थल पर मत्था टेकने के बाद सहारनपुर चौक होते हुए दोपहर 12 बजे नगर परिक्रमा श्री दरबार साहिब पहुंचकर सम्पन्न होगी।
श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने अपने संदेश में कहा कि मेले हमारे देश की विरासत व धरोहर हैं। मेलों में देश विदेश के लोग एकसाथ एकजुट होकर अपनी कला, संस्कृति व संस्कारों का आदान प्रदान करते हैं। मेले हमें जोड़ने का कार्य करते हैं, आपसी सद्भाव व भाईचारे को बढ़ाने का काम करते हैं।