16 Jul 2025, Wed

डॉ0 शिवचंद सिंह रावत की पुस्तक आर्थिक इकाई के रूप में उत्तराखंड के मंदिरों का ऐतिहासिक अध्ययन का विमोचन

देहरादून।  दून विश्वविद्यालय देहरादून में “हिन्दुत्व का वैश्विक पुनर्जागरण” विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के अवसर पर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपश्वर के इतिहास विषय प्राध्यापक डॉ0 शिवचंद सिंह रावत की पुस्तक “आर्थिक इकाई के रूप में उत्तराखंड के मंदिरों का ऐतिहासिक अध्ययन: जनपद चमोली के प्रमुख मंदिरों के संदर्भ में” का विमोचन संगोष्ठी की अध्यक्षा प्रो0 सुरेखा डंगवाल, मुख्य अतिथि श्री कल्याण सिंह रावत, विशिष्ट अतिथि प्रो0 सुनील जोशी, मुख्य वक्ता प्रो0 सदानंद दामोदर सप्रे, प्रो0 विकास सारस्वत, देवभूमि विचार मंच के संयोजक भगवती प्रसाद राघव, आयोजन समिति की अध्यक्षा डॉ0 अंजली वर्मा, संयोजक डॉ0 रीना चन्द्रा, कोषाध्यक्ष पी0 डी0 काला, डॉ0 रवि शरण दीक्षित आदि द्वारा किया गया।
इस पुस्तक में मंदिरों की आर्थिक स्थिति का ऐतिहासिक दृष्टि से अध्ययन किया गया है, जिसके अंतर्गत मंदिरों की स्थापना का इतिहास, स्थानीय स्थिति, मंदिरों की आय के साधन भेंट, चढ़ावा, गूँठ भूमि, नाली, देण-खेण, मंदिरों की आर्थिक स्थिति का समाज पर प्रभाव, पुजारी, स्थानीय जनमानस, आजीविका, देवदासियों पर प्रभाव, मंदिर और समाज की पारस्परिक निर्भरता, धार्मिक मेले, मंदिरों की आर्थिक स्थिति में समयानुसार परिवर्तन, बदलते संदर्भ में मंदिरों का आर्थिक महत्व का विस्तृत अध्ययन किया गया है। यह पुस्तक ‘भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित शोध परियोजना की अंतिम रिपोर्ट का पुस्तकीय रूप है। यद्यपि इसमें जनपद चमोली के मंदिरों का आर्थिक दृष्टि से ऐतिहासिक अध्ययन किया गया है, परन्तु उत्तराखंड के मंदिरों की आर्थिक स्थिति समान रही है, इसे एक मानक इकाई के रूप में भी लिया जा सकता है। पुस्तक में उत्तराखंड के विभिन्न अभिलेखों का संशोधित अध्ययन प्रस्तुत किया गया है साथ ही विभिन्न तथ्यों का विश्लेषण किया गया है। अतः निश्चित ही शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों, आम जनमानस तथा बुद्धिजीवी वर्ग के लिए यह पुस्तक उपयोगी होगी।

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