शाहजहांपुर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश से लेकर केंद्र के राजनीतिक गलियारों तक में हलचल मचा देने वाले शाहजहांपुर के चर्चित विधि छात्रा दुष्कर्म मामले में एसआईटी ने शुक्रवार को आरोपित भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। इसके साथ ही एसआईटी ने चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के मामले में भी तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एसआईटी मुखिया नवीन अरोड़ा ने बताया कि पूछताछ के दौरान स्वामी चिन्मयानंद ने तेल मालिश और वीडियो में सुनाई दे रही अश्लील बातों को कबूला है। साथ ही रेप के आरोपों पर उनका कहना था कि मैं शर्मिंदा हूं।
एसआईटी मुखिया नवीन अरोड़ा ने बताया कि पीड़ित युवती से मसाज कराने और अश्लील बातों से सम्बंधित जो अन्य वीडियो विधि छात्रा ने उपलब्ध कराये थे, उन्हें दिखाते हुए स्वामी चिन्मयानंद से पूछताछ की गई। इस पर उन्होंने वीडियो में खुद के होने की बात कबूलते हुए कहा कि उनको अब कुछ नहीं कहना है, वे अपने किये पर शर्मिंदा हैं।
रंगदारी मांगने वाले तीनों आरोपितों ने भी कबूला अपना जुर्म
भाजपा नेता व दुष्कर्म के आरोपित स्वामी चिन्मयानंद से पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले की जांच भी एसआईटी कर रही थी। एसआईटी मुखिया नवीन अरोड़ा के अनुसार, रंगदारी मामले में शुक्रवार को जेल भेजे गए संजय, सचिन व विक्रम को भी वह वीडियो दिखाए गए, जिसमें वो लोग रंगदारी मांगने की बात कर रहे थे। इसके बाद तीनों ने वीडियो में खुद के होने और चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने की बात को कबूल लिया।
घटना में पीड़िता की संलिप्तता आई सामने, होगी कार्यवाही
एसआईटी मुखिया नवीन अरोड़ा ने बताया कि स्वामी चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा लिखाया गया था। जांच के दौरान टीम को मिले साक्ष्य के आधार पर संजय, सचिन व विक्रम को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में पीड़िता की संलिप्तता भी आई सामने आई है। पीड़िता की गिरफ्तारी के सवाल पर एसआईटी मुखिया नवीन अरोड़ा ने बताया कि जांच चल रही है। हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने तथा कुछ और साक्ष्य इकट्ठा करने के बाद अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
दोनों मामलों में कई धाराएं हटीं और कई बढ़ीं
एसआईटी मुखिया नवीन अरोड़ा ने बताया कि चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने का मुकदमा अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 387, 507 व 67 आईटी एक्ट के तहत दर्ज हुआ था। जांच में कई राज खुलने व संजय, सचिन, विक्रम तथा पीड़िता की संलिप्तता सामने आने के बाद तीनों को गिरफ्तार करके जेल भेज गया है। पीड़ित युवती के पिता की तहरीर पर स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ 364 व 506 के तहत मामला दर्ज किया गया था। मामले की जांच के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर स्वामी चिन्मयानंद को गिरफ्तार करके आईपीसी की धारा 376-सी, 354-डी, 342 व 506 के तहत जेल भेज गया है।
कड़ी से कड़ी जोड़ने को एसआईटी कर रही कड़ी मेहनत
एसआईटी मुखिया नवीन अरोड़ा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दोनों मामलों की जांच की जा रही है। दोनों मामलों में कड़ी से कड़ी जोड़ने के लिए पीड़िता, उसके परिजनों, दोस्तों, संजय, सचिन, विक्रम, स्वामी चिन्मयानंद, आश्रम के स्टाफ, दोनों प्रिंसिपलों समेत सभी सम्बन्धितों से कई बार पूछ्ताछ की गई। इसके अलावा वीडियो क्लीपिंग से भी जांच में काफी मदद मिली। इसके अलावा जांच में फोरेंसिक टीम, सर्विलांस व लीगल एक्सपर्ट तथा एफएसएल की मदद भी ली गई है। उन्होंने बताया कि घटना में प्रयुक्त हुए मोबाइल की बरामदगी, मोबाइल के डिलीट डाटा की रिकवरी, सीसीटीवी की फोरेंसिक रिपोर्ट अभी प्रप्त होनी है। इसके साथ ही परिस्थितिजन्य साक्ष्य इकट्ठा करना शेष है जो बहुत जल्द पूरे कर लिए जाएंगे।