नई दिल्ली (हि.स.)। उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रहे तीस हजारी कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने बुधवार को एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज किया। पीड़िता का बयान इन-कैमरा दर्ज किया गया। इस दौरान आरोपित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भी ट्रामा सेंटर की अस्थायी अदालत में पेश किया गया।
सुनवाई के लिए बनाए गए अस्थायी कोर्ट में बयान दर्ज करने के दौरान किसी भी तीसरे पक्ष को अंदर घुसने की मनाही थी। दरअसल जज धर्मेश शर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दी जाए। उनकी अर्जी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले 6 सितंबर को एम्स के ट्रामा सेंटर के परिसर को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दी थी।
दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश मिलने के बाद पिछले 7 अगस्त को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स प्रशासन को ट्रामा सेंटर को अस्थायी कोर्ट बनाने के लिए जरूरी इंतजाम करने का निर्देश दिया था। अस्पताल प्रशासन ने कोर्ट को बताया था कि पीड़िता अपने बयान दर्ज कराने की स्थिति में है। इससे पहले 6 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने ट्रायल पूरा करने के लिए 45 दिन की समयसीमा को बढ़ाये जाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत देते हुए कहा था कि आगे भी समयसीमा बढ़ाये जाने की ज़रूरत महसूस होने पर वो सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।
पिछले 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से पूछा था कि मामले की सुनवाई करने में कितना समय लगेगा। दरअसल इस मामले के एक आरोपित शशि सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस केस से जुड़े दुर्घटना मामले में सीबीआई की ओर से अभी तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार