लखनऊ। उत्तरप्रदेश में एटीएस ने प्रलोभन देकर लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन करने वाले एक रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह ने अब तक 1000 लोगांें का धर्मांतरण कर दिया है। उत्तरप्रदेश एटीएस को उस समय बड़ी सफलता हाथ लगी जब उन्होंने उमर गौतम और जहांगीर आलम नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया। इन लोगों ने मूक बधिर, महिलाएं और बच्चों को निशाना बनाकर उनका धर्म परिवर्तन कराया। इस मामले में एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अहम जानकारी दी।
एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि पहले विपुल विजयवर्गीय और कासिफ की गिरफ्तारी हुई थी, जिनसे पूछताछ में सूचना मिली कि एक बड़ा गैंग है जो प्रलोभन देकर लोगों का धर्म परिवर्तन कराता है। पूछताछ में उमर गौतम का नाम आया, जो बाटला हाउस जामियानगर का रहने वाला है। इन्होंने भी अपना धर्म परिवर्तन किया है। इनके और एक साथी मुफ्ती काजी जहांगीर आलम की गिरफ्तारी की गई। पूछताछ में सामने आया लगभग 1000 लोगों की सूची है जिनको प्रलोभन और पैसे देकर धर्मांतरण किया गया। एडीजी ने कहा कि इन्हें विदेशों से फंडिंग मिलती थी। देश के सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया जा रहा है।
एडीजी ने बताया कि लखनऊ में एटीएस ने एक मुकदमा दर्ज किया था। उस आधार पर दो लोगों को गिरफ्तार किया। इसके अलावा एक संस्था और अन्य लोगों के नामजद नाम किया गया है। इनके निशाने पर मूक-बधिर बच्चे और महिलाओं का भी धर्म परिवर्तन कराकर दूसरे धर्म के लोगों से शादी कराई गई। इन्होंने नोएडा, कानपुर, मथुरा, वाराणसी वगैरह जिलों के लोगों को निशाना बनाया।
एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर के अनुसार, श्उमर गौतम खुद हिंदू से मुस्लिम में परिवर्तित हुआ जिसने यूपी के अन्य जनपदों के गैर मुस्लिम मूकबधिर, महिलाओं और बच्चों का सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन किया। उमर और उसके सहयोगी जामियानगर से एक संस्था चलाते हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य गैर मुस्लिमों का धर्म परिवर्तन कराना है। इस कार्य के लिए बैंक खातों और अन्य माध्यमों से भारी पैसे उपलब्ध कराए जाते हैं।
मूक बधिर बच्चों को निशाना बनाने पर एडीजी ने बताया, श्नोएडा डेफ सोसाइटी नोएडा सेंटर 117 जो मूक बधिर का रेजिडेशिंयल स्कूल है। यहां छात्रों को नौकरी शादी का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जाता है। छात्र के परिजनों को इसकी जानकारी नहीं होती है। ऐसे ही एक बच्चे आदित्य गुप्ता के माता-पिता से हमने पूछताछ की।
बच्चे के परिजनों ने पुलिस को बताया कि पहले उन्होंने अपने बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट कराई थी जिसे बाद में 364 में परिवर्तित किया गया था। यह भी बताया कि उनका बेटा मूक बधिर है। धर्म परिवर्तन कराकर साउथ के किसी राज्य में ले जाया गया है। इसके बारे में उनके मूकबधिर बच्चे ने वीडियो कॉल से बताया। इसी तरह गुड़गांव का भी एक केस सामने आया। जिन बच्चों ने धर्म परिवर्तन किया वो इतने डरे हुए हैं कि आगे आकर कुछ बता नहीं पा रहे हैं।