देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा का सीट सत्र दूसरे दिन हंगामे भरा रहा। विपक्ष ने जहां दल बदल को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश की,वहीं विपक्ष ने सरकार पर कई मुद्दों को लेकर निशाना साधा। इस पर सरकार के मंत्रियों ने भी प्रश्नों के जवाब दिए। लेकिन विपक्ष संतुष्ट नहीं हो पाया। ऐसी ही गहमागहमी दल बदल को भी लेकर रही। विधानसभा में विपक्ष के विधायक काजी निजामुद्दीन ने व्यवस्था पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि प्रीतम सिंह पंवार और राम सिंह कैड़ा ने हाल ही भाजपा की सदस्यता ली है इन पर दलबदल कानून लागू होता है और यह सदस्य किस अधिकार से सदन में बैठे हैं। विपक्ष ने संसदीय नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि सदन में संसदीय परम्परा के उल्लंघन है। विपक्ष ने कहा कि प्रीतम सिंह और राम सिंह कैड़ा की सदस्यता रद्द होनी चाहिए।
दूसरे दिन प्रश्नकाल के बाद शून्यकाल में विपक्ष के विधायक काजी निजामुद्दीन ने व्यवस्था के प्रश्न पर सदन में बैठे दो ऐसे विधायकों की सदस्यता पर सवाल उठाए जो कि अपना दल बदल कर भजापा में शामिल हो चुके हैं। काजी निजामुद्दीन ने व्यवस्था के प्रश्न पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि विधानसभा की संसदीय नियमावली के नियमों के तहत जब कोई सदस्य दल बदल करता है तो उस पर दल बदल कानून लागू होता है। इस मामले पर पीठ पर बैठ विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने कि आपका विषय को संज्ञान ले लिया गया है और इस विषय पर विपक्ष को कहा गया कि वह विधानसभा अध्यक्ष के कक्ष में आकर अलग से बात करें।
इस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस विषय पर याचिका एक उनके संज्ञान में आई है, जिस पर विचार चल रहा है। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि जैसे कि दोनों पक्षों से जवाब आएगा और उसके बाद नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।