देहरादून। उत्तराखंड में मौसम ने करवट बदल दी है, जिसके बाद प्रदेश के हिमालयी क्षेत्रों में बुधवार को बर्फबारी हुई, जबकि मैदानी क्षेत्रों में बादल छाए रहने से प्रदेशभर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। गुरुवार को भी सुबह की शुरुआत हल्के कोहरे के साथ हुई। वहीं, प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बादल छाए हैं। केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में दोपहर बाद हल्की बारिश हुई और इसके बाद बर्फबारी शुरू हो गई।

पिथौरागढ़ के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात हुआ, जबकि निचले इलाकों में बादल छाए रहे। बर्फबारी और पूरे दिन बादल छाए रहने से पारा तेजी से लुढ़का है। मौसम विभाग ने गुरुवार को दो मैदानी जिलों को छोड़ बाकी प्रदेश में बारिश हो सकती है। गुरुवार को दो जिलों में बर्फबारी को लेकर येलो अलर्ट भी जारी किया है।

मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, बुधवार को उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ के ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश-बर्फबारी की संभावना है। दूसरे ही दिन जिले का तापमान दो डिग्री लुढ़क गया। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद यहां के माइग्रेशन गांवों में पारा शून्य से नीचे गिर गया, जबकि हिमनगरी का तापमान 1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। तापमान गिरने से पूरे जिले में कड़ाके की ठंड है। सीमांत जिले में मौसम ने अचानक करवट ली। बुधवार को पिथौरागढ़ सहित गंगोलीहाट, बेरीनाग, डीडीहाट, धारचूला, मुनस्यारी में सुबह से ही बादल छाए रहे। जबकि पंचाचूली, हंसलिंग, छिपलाकेदार, राजरंभा सहित अन्य उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ताजा हिमपात हुआ। बर्फबारी और बादल छाए रहने से पारा तेजी से लुढ़का है।

पिथौरागढ़ में दूसरे ही दिन तापमान में दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। बुधवार को जिला मुख्यालय का न्यूनतम तापमान 4 डिग्री पहुंच गया, जबकि बीते मंगलवार को तापमान 6 डिग्री रिकार्ड किया गया। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद जिले के रालम, लास्पा, मिलम सहित अन्य माइग्रेशन गांवों तापमान माइनस एक डिग्री पहुंच गया है।

उच्च हिमालयी क्षेत्रों में तापमान गिरने से ठंडी हवाएं शुरू हो गई हैं, जिससे हिमनगरी में भी तापमान एक डिग्री रिकार्ड किया गया। तापमान गिरने का सिलसिला लगातार जारी है, जिससे समूचे जनपद में ठंड का असर बढ़ गया है। उधर, चम्पावत में बुधवार को न्यूनतम तापमान 2.70 डिग्री और अधिकतम 18.70 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

बुधवार को पर्यटन नगरी मसूरी में मौसम का मिजाज पल-पल बदलता रहा। सुबह के समय खिली हल्की धूप के बाद आसमान में काले बादल छा गए।शहर में ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो गई जिससे ठंड का प्रकोप बढ़ गया। ठंड के चलते शाम के समय माल रोड पर बहुत कम पर्यटक नजर आए, अधिकांश पर्यटक होटलों में ही कैद हो गए । वहीं ठंड से बचने के लिए शहर के चौक चौराहों पर लोग आग सेकते हुए भी नजर आए। साथ ही कुछ पर्यटक दुकानों में गर्म कपड़ों की खरीदारी करते हुए भी दिखाई दिए।

नीती घाटी में बहने वाले झरने व गाड-गदेरे बर्फ में तब्दील हो गए हैं। माणा घाटी में भी नाले जम गए हैं। नीती घाटी में ऋषिगंगा भी पूरी तरह से जम गई है। मंगला कोठियाल का कहना है कि बारिश, बर्फबारी न होने से कोरी ठंड पड़ रही है। नगर क्षेत्रों में लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं। जोशीमठ के साथ ही पोखरी, घाट, गैरसैंण, थराली, देवाल, कर्णप्रयाग, गौचर, पीपलकोटी और निजमुला घाटी में भी सुबह, शाम को शीतलहर चल रही है।