नई दिल्ली। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की उपक्रम (पीएसयू) भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) ने केंद्र सरकार के 4,500 करोड़ रुपये के उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत सोलर विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए सोलर मॉड्यूल निर्माताओं से बोलियां आमंत्रित की हैं। मंत्रालय ने इस योजना के लिए इरेडा को कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नियुक्त किया है। इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोलर फोटो वोल्टाइक (पीवी) मॉड्यूल के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 4,500 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी थी।
आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख 30 जून है। सफल बोली लगाने वालों के लिए चयन प्रक्रिया 30 जुलाई तक पूरी की जानी है। इरेडा ने 25 मई को अपनी वेबसाइट पर आवेदन दस्तावेज के लिए आमंत्रण जारी किया था और इलेक्ट्रॉनिक आवेदन प्रक्रिया 31 मई को शुरू हो गई थी।
आवेदकों को योजना के तहत आवंटित पूरी क्षमता के लिए ब्राउनफील्ड या ग्रीनफील्ड विनिर्माण सुविधा स्थापित करने की जरूरत है। वहीं इस योजना के तहत आवेदकों को ब्राउनफील्ड और ग्रीनफील्ड सुविधा का मिला-जुला प्रारूप स्थापित करने की अनुमति नहीं है। विनिर्माण क्षमताध्इकाई, जिसके लिए बोली जमा करने की अंतिम तारीख से पहले आवश्यक पूंजीगत वस्तुओं का आयात किया गया है, इस पीएलआई योजना के तहत भागीदारी के लिए पात्र नहीं होंगे। वहीं स्थापित की जाने वाली विनिर्माण इकाई की न्यूनतम क्षमता 1,000 मेगावाट होगी। पीएलआई को सफल आवेदकों को पांच साल की अवधि के लिए सालाना वितरित किया जाएगा।
वर्तमान में सोलर क्षमता में बढ़ोतरी काफी हद तक आयातित सोलर पीवी सेल और मॉड्यूल पर निर्भर करती है, क्योंकि घरेलू उद्योग के पास सोलर पीवी सेल और मॉड्यूल की सीमित परिचालन क्षमता है। उच्च दक्षता वाले सोलर पीवी मॉड्यूल पर राष्ट्रीय कार्यक्रम, विद्युत जैसे रणनीतिक क्षेत्र में आयात निर्भरता को कम करेगा और यह आत्मनिर्भर भारत पहल को सुदृढ़ करेगा।