नई दिल्ली/मुंबई (हि.स.)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) केंद्र सरकार को अपने अधिशेष और मुनाफे में से 1.76 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर करेगा। आरबीआई सरकार को ये राशि डिविडेंड और अतिरिक्त रिजर्व के तौर पर देगी।
सोमवार को आरबीआई बोर्ड ने रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता वाले उच्च स्तरीय पैनल की सलाह मानते हुए अतिरिक्त रिजर्व केंद्र सरकार को देने का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने अपने रिजर्व फंड में कितना पैसा रखना चाहिए और सरकार को कितनी राशि सरकार को ट्रांसफर करनी चाहिए, यह तय करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में 26 दिसंबर, 2018 को 6 सदस्यीय एक समिति बनाई थी।
रिजर्व बैंक सरकार को दिए जाने वाले 1,76,051 करोड़ रुपये में 1,23,414 करोड़ रुपये वित्त वर्ष 2018-19 के सरप्लस के रूप में स्थानांतरित करेगा। आरबीआई ने एक बयान में कहा कि बाकी 52,637 करोड़ रुपये संशोधित इकोनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क (ईसीएफ) के तहत पहचाने गए अतिरिक्त प्रावधान के रूप में स्थानांतरित किए जाएंगे।
कुल एसेट का 28 फीसदी है रिजर्व फंड
कैश सरप्लस के मुद्दे पर रिजर्व बैंक और सरकार के बीच विवाद के चलते आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने पिछले साल दिसंबर में इस्तीफा दे दिया था। एक अनुमान के मुताबिक आरबीआई के पास 9 लाख करोड़ रुपये का सरप्लस फंड है। यह आरबीआई के कुल एसेट का करीब 28 फीसदी है। सरकार का कहना था कि दूसरे बड़े देशों के केंद्रीय बैंक अपने एसेट का 14 फीसदी रिजर्व फंड में रखते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार