देहरादून। विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा भू-विज्ञान मंत्रालय और विज्ञान भारती के संयुक्त तत्वावधान में 5 से 8 नवंबर तक कोलकाता में अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव आयोजित किया जाएगा। इसमें बच्चों को विज्ञान की ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से सीएसआईआर की 1000 से अधिक उल्लेखनीय प्रौद्योगिकियों व उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। इस समारोह में बच्चों को अपनी कल्पना और रचनात्मकता को मूर्त रूप देने के लिए एक मंच भी उपलब्ध कराया जाएगा जहां बच्चे उनके द्वारा निर्मित प्रदर्शित वैज्ञानिक मॉडल के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। इस प्रकार इस समारोह के अंतर्गत लगभग 28 विभिन्न विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस बार के भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण भी है और इसके अंतर्गत सफल महिला वैज्ञानिकों द्वारा महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन एवं प्रेरणा दी जाएगी। यह महोत्सव सीएसआईआर तथा भारतीय उद्योगों के मध्य एक कड़ी का कार्य करता है, जहां सीएसआईआर के वैज्ञानिक-उद्यमियों के साथ चर्चा करते हैं तथा उनकी आवश्यकताओं क समझते हुए उन्हें अपने प्रौद्योगिकीय समाधान सुझाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के आयोजन के संबंध में भारतीय पेट्रोलियम संस्थान देहरादून द्वारा संस्थान में प्रेस सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में नगर निगम देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा, सीएसआईआर-भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के निदेशक डॉक्टर अंजन रे, डॉ. डीसी पांडे हेड पब्लिक इंगेजमेंट ने अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के इतिहास एवं उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस प्रकार भारतीय युवाओं को विज्ञान की ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से इस महोत्सव का प्रारंभ हुआ तथा इस वर्ष इस महोत्सव का आयोजन 5 से 8 नवंबर को कोलकाता में किया जा रहा है। संस्थान के निदेशक डॉ. अंजन रे ने इस अवसर पर इस महोत्सव और इसकी सफलता के बारे में बताते हुए कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव – वैज्ञानिक अनुसंधान को जन-जन तक पहुंचाने और युवाओं को वैज्ञानिक अनुसंधान की ओर प्रेरित करने का एक सफल मंच बन चुका है. निश्चित रूप से भारतीय मीडिया के हम आभारी हैं जिन्होंने इसे सफल बनाने में अपना अत्यधिक महत्वपूर्ण सहयोग दिया है.  इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य है कि सभी जन विज्ञान और वैज्ञानिक अनुसंधान और उसके समाधान को अपनाएं तभी संपूर्ण राष्ट्र का विकास संभव है. इसके लिए मीडिया को भी और अग्रणी भूमिका निभानी होगी, जिससे प्रत्येक जन की इसमें भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
 हम आपको इस भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में आमंत्रित करते हैं. आइये हम जन जन तक यह संदेश पहुंचाए कि विज्ञान के सहयोग से हमारा भारत शीघ्र विकसित बन सकता है. जन जन के जीवन की उन्नति विज्ञान से ही सम्भव है. इस अवसर पर भारतीय पेट्रोलियम संस्थान द्वारा किए जा रहे मुख्य अनुसंधान जैसे कि प्रयोग किए गए खाद्य तेल व रतनजोत बीज से डीजल निर्माण, बायोडीजल निर्माण, बायो जेट ईंधन, पुराने वाहनों को ई वाहनों में परिवर्तित करने संबंधी अनुसंधान कार्य, पाइपलाइन नेचुरल गैस (पीएनजी) के लिए निर्मित विशिष्ट उन्नत पीएनजी बर्नर, उन्नत गुड भट्टी, विद्यालय छात्रध्छात्राओं को विज्ञान की ओर आकर्षित करने हेतु आयोजित की जा रहे जिज्ञासा कार्यक्रम, कौशल निर्माण के अंतर्गत दिए जा रहे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों आदि की विस्तार से जानकारी दी गई तथा पत्रकारों के तत्संबंधी सवालों के जवाब भी दिए। इसके अतिरिक्त हाल ही में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा भू-विज्ञान मंत्री माननीय डॉ हर्षवर्धन जी द्वारा उद्घाटित अपशिष्ट प्लास्टिक से डीजल निर्माण संयंत्र की जानकारी भी दी गई।  संस्थान की इको कैंपस परियोजना की प्रमुख डॉ सुमनलता जैन ने उपस्थित मीडिया को बताया कि स्मार्ट कैंपस के अंतर्गत देहरादून संभाग में भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के आवासीय परिसर को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है इसके लिए संस्थान द्वारा 2 वर्षों से प्रयास किए गए हैं और संस्थान परिसर को प्लास्टिक मुक्त परिसर बनाया गया है। यहां प्रभावी रूप से कूड़े का पृथक्करण होता है तथा सही ढंग से निस्तारण होता है. मेयर सुनील उनियाल गामा ने आईआईपी द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की तथा देह्रादून के स्मार्ट आवासीय परिसर में आईआईपी को द्वितीय स्थान पाने पर बधाई दी और आशा व्यक्त की कि अन्य आवासीय परिसर भी इन श्रेष्ठ परिसर के मॉडल का अनुकरण करेंगे। उन्होंने अपशिष्ट प्लास्टिक से डीजल निर्माण संयंत्र का दौरा भी किया। इस अवसर पर संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक अमर कुमार जैन भी उपस्थित रहे।