देहरादून। उत्तराखंड एक बार फिर शीतलहर की चपेट में आ गया है। आठ हाड़ कपाने वाली ठंड शुरू हो गई है। पर्वतीय क्षेत्रों के ऊंचाई वाले भाग में जमकर बर्फबारी हो रही है। ऊंचे पहाड़ों में कई जगह प्राकृतिक स्रोत जम गए हैं। आलम यह है कि शनिवार के बाद रविवार को भी ठंड का कहर जारी रहा। मैदानी इलाकों में कोहरा छाया रहा। कई स्थानों पर चमोली, पिथौरागढ़, मुनस्यारी जैसे ऊंचाई क्षेत्रों के गांवों में नलों पर सुबह के समय पानी जम जा रहा है। ऐसे में ग्रामीण अपने और मवेशियों के लिए बर्फ को पिघलाकर पानी की व्यवस्था कर रहे हैं।
पीपलकोटी (चमोली) में शनिवार मध्य रात्रि को निजमुला घाटी के पाणा गांव में आंधी-तूफान से एक आवासीय भवन और 15 छानियों (गौशाला और आवासीय मकान) की छतें उड़ गई, जबकि गांव के लिए सप्लाई हो विद्युत लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई है। दो दिन पूर्व क्षेत्र में बर्फबारी भी हुई थी। जिससे क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री और हर्षिल में झरने, गदेरे जम गए हैं। देहरादून और हरिद्वार जैसे मैदानी इलाकों में भी पारा लुढ़क गया है। यहां के लोग भी ठंड से परेशान हैं। राजधानी देहरादून में न्यूनतम तापमान तीन डिग्री पहुंच गया है। ऊधमसिंह नगर न्यूनतम तापमान के करीब पांच डिग्री सेल्सियस पहुंचने से शुरू हुई शीतलहर के चलते दिल्ली, पंजाब और देहरादून आदि रूटों की बसों का संचालन प्रभावित रहा। कुछ बसें एक से डेढ़ घंटे विलंब से पहुंचीं।
वहीं समूचे कुमाऊं में शीतलहर का प्रकोप रहा। लोग आग सेंकते नजर आए। तराई-भाबर में कोहरे के साथ ही शीतलहर चलने से जनजीवन ठहर सा गया। पंतनगर विवि के मौसम विज्ञानी डॉ. आरके सिंह के मुताबिक ऊधमसिंह नगर जिले में कड़ाके की ठंड के बीच शीतलहर शुरू हो गई है। चार से पांच दिनों तक इसी तरह शीतलहर जारी रहेगी। मुनस्यारी में रात के समय माइनस चार डिग्री तापमान होने से कई जगह पानी जमने लगा है। लोग अलाव के सहारे रात गुजार रहे हैं।
पहाड़ों से चल रही ठंडी बर्फीली हवाओं से राजधानी दून और आसपास के इलाकों में पारा गिर गया है। इसके कारण लोगों को भीषण ठंड और शीतलहर झेलनी पड़ी। दिन में धूप होने के बावजूद तापमान काफी कम रहा। लोगों को दिन में भी गर्म कपड़े, मफलर, दस्ताने पहनने पड़े। मौसम केंद्र ने आज भी कई इलाकों में शीतलहर रहने और और पाला गिरने का अनुमान जताया है।