रुड़की। सिविल अस्पताल रुड़की में लगाए गए दिव्यांग शिविर में इस बार भी अव्यवस्थाएं हावी रही, जिससे दिव्यांगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। दिव्यांगों को कतार में खड़े होकर घंटों अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। शिविर में 39 दिव्यांगों की जांच हो पाई। इनको प्रमाण-पत्र जारी किया जाएगा।
सिविल अस्पताल रुड़की में हर माह के पहले मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिव्यांग शिविर का आयोजन किया जाता है। इस बार भी सिविल अस्पताल के ड्रगवेयर हाउस में दिव्यांग शिविर का आयोजन किया गया। शिविर सुबह 10 बजे शुरू हुआ, लेकिन सुबह आठ बजे से ही दिव्यांग वहां आने लगे थे। हरिद्वार से स्वास्थ्य विभाग की एक टीम पहुंची, जिसमें एक आर्थो सर्जन डा. मनोज दुबे थे। इसके अलावा जिला प्रभारी अंचित वर्मा एवं मुकांशी भी थे, जबकि रुड़की सिविल अस्पताल से नेत्र सर्जन डा. राजकेश पांडेय मौजूद रहे। दिव्यांगों ने पहले सिविल अस्पताल रुड़की के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर खड़े होकर पर्चा बनवाया। इसके बाद प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए ड्रगवेयर हाउस में लाइन में लगे। लंबी लाइन में लगकर दिव्यांगों ने अपनी बारी का इंतजार किया। इसके बाद चिकित्सकों ने उनका चेकअप किया और प्रमाण-पत्र की प्रक्रिया पूरी की। दोपहर करीब दो-ढाई बजे तक शिविर चला। दिव्यांग सोहन, मुस्ताक, आशीष, स्नेहा आदि का कहना था कि शिविर में वह सुबह से आए हुए हैं, लेकिन यहां पर बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है। दिव्यांगता के कारण वह पहले ही परेशान हैं। इसके बाद घंटों लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। दिव्यांग विपिन, रामपाल ने बताया कि उनके कुछ कागजों में कमी थी, जिसके कारण लाइन में लगने के बाद अब उन्हें वापस जाना पड़ रहा है। अब अगले शिविर तक उनको इंतजार करना पड़ेगा। डा. राजकेश पांडेय ने बताया कि शिविर में 39 दिव्यांगों का चेकअप किया गया है।
दिव्यांग शिविर सीएमओ कार्यालय की ओर से लगाया जाता है। शिविर में आने वाले दिव्यांगों को कोई परेशानी न हो। इसके लिए इस बार टोकन सिस्टम किया जाएगा, जिससे दिव्यांगों को लाइन में खड़े होने की जरूरत नहीं रहेगी। वह आराम से बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर सकेंगे। उनके बैठने के लिए भी व्यवस्था कराई जाएगी। डा. संजय कंसल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, सिविल अस्पताल रुड़की।