2 Jul 2025, Wed

सिटी बसों का संचालन न होने से लोग परेशान, मनमाने पैसा वसूल रहे ऑटो चालक

कोटद्वार। शहर में प्रशासन सिटी बसों का संचालन अभी तक नहीं करवा पाया है, जिसके कारण नगरवासियों को ऑटो रिक्शा का सहारा लेना पड़ रहा है। उधर ऑटो, रिक्शा चालक लोगों से मनमाफिक किराया वसूल रहे हैं। लोगों का कहना है कि ऑटो रिक्शा चालक उनसे करीब 30 से 40 रुपए तक का किराया वसूल रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक साल से शहर सिटी बसों का संचालन नहीं किया जा सका है, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि कोटद्वार में नगर निगम बने एक साल से अधिक समय हो चुका है। लेकिन क्षेत्रीय जनता के लिए सिटी बसों का संचालन आज तक नहीं हो पाया है, जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
 लोगों की मानें तो नगर निगम की बोर्ड बैठक में सिटी बसों के संचालन के लिए प्रस्ताव भी पारित हो चुका है। बावजूद इसके यह मामला आज तक अधर में लटका हुआ है। उधर सिटी बसों का संचालन न होने से भाबर और स्नेह क्षेत्र के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने बताया कि स्नेह से ऑटो रिक्शा चालक स्नेह से कोटद्वार तक 20 रुपए, झंडीचैड़ से कोटद्वार तक 35 रुपए और कण्वाश्रम से कोटद्वार तक 30 रुपए तक वसूल रहे हैं। वहीं, लोगों का कहना है कि मामले की शिकायत प्रशासन से कई बार की गई लेकिन स्थानीय प्रशासन इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहा है। झंडिचैड से कोटद्वार की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है, जिसका किराया 35 रुपए वसूला जा रहा है। किशनपुरी से कोटद्वार की दूरी 11 किलोमीटर है, जिसका किराया 30 रुपए तक वसूल किया जा रहा है। कलालघाटी से कोटद्वार की दूरी 11 किलोमीटर है, तो वहीं इसका किराया 30 रुपए वसूले जा रहे हैं। स्नेह से कोटद्वारा तक की दूरी करीब 8 किलोमीटर है, इसका किराया करीब 20 रुपए तक का वसूल किया जा रहा है। वहीं, मामले में सहायक नगर आयुक्त राजेश नैथानी का कहना है, कि सिटी बस चलाने के लिए परिवहन विभाग द्वारा दो सड़कें स्वीकृत की गई थीं। एक लालबत्ती से सिगड्डि के लिए और दूसरी लालबत्ती से लालपानी के लिए। नगर आयुक्त ने बताया कि वर्तमान में निगम की आर्थिक स्थिति इतनी नहीं है कि नई बसों को खरीद कर उसका शहर में संचालन किया जा सकें। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा जीएमओयू और अन्य संस्थाओं को अपनी बसें निगम में शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन अभी तक किसी भी संस्था का रुझान इस ओर नहीं है। उन्होंने बताया कि अगर कोई प्रस्ताव आता है तो उस पर शीघ्र विचार किया जाएगा।

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