चंपावत। चंपावत जिले के बाराकोट ब्लॉक की युवती ने यहां जीआईसी कॉलेज भवन के पीछे पेड़ पर फंदे पर लटक कर खुदकुशी कर ली। युवती शनिवार सुबह अपने माता-पिता और छोटी बहन के साथ बालाजी से नायकगोठ स्थित अपने ननिहाल लौटी थी। ननिहाल पहुंचने के कुछ देर बाद घर से अचानक लापता हो गई थी। पुलिस ने मृतका का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया है। इधर, युवती के पिता ने चंपावत और टनकपुर के चार युवकों को बेटी की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। पोस्टमार्टम में आत्महत्या की पुष्टि हुई है।
बाराकोट के काकड़ गांव निवासी लोकमान सिंह अधिकारी की बड़ी पुत्री शिवांगी (21) शनिवार सुबह करीब सात बजे नायकगोठ स्थित अपने ननिहाल से अचानक गायब हो गई। काफी खोजने पर भी जब वह नहीं मिली तो पिता ने सुबह नौ बजे कोतवाली में बेटी की गुमशुदगी की लिखित सूचना दी। इस बीच जीआईसी भवन के पीछे मैदान में खेल रहे बच्चों ने जीआईसी की चाहरदीवारी के अंदर युवती को पेड़ पर फंदे पर लटका देखा तो फौरन पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस लापता शिवांगी के पिता को लेकर मौके पर पहुंची तो वहां शिवांगी अपने ही दुपट्टे के फंदे पर लटकी थी। पता चलते ही मां आनंदी देवी, छोटी बहन हिमानी और रिश्तेदार भी घटना स्थल पर पहुंचे। पिता ने बताया कि शिवांगी कुछ समय से दिमागी रूप से परेशान थी। उसे लेकर वे बालाजी गए थे और शनिवार की सुबह करीब छह बजे टनकपुर लौटे। एक घंटे बाद करीब सात बजे शिवांगी टॉयलेट जाने की बात कह घर से बाहर निकली थी। पिता ने कहा कि चंपावत और टनकपुर के चार युवक उसकी बेटी शिवांगी को परेशान कर रहे थे। लापता होने से पहले मोबाइल पर किसी युवक ने शिवांगी से बात भी की थी। उन्होंने वह मोबाइल नंबर भी पुलिस को दिया है। कोतवाल का कहना है कि मृतका के पिता ने तहरीर दी तो कार्रवाई की जाएगी। शिवांगी बीएससी नर्सिंग की छात्रा थी। उसने इसी साल मथुरा के एक कॉलेज में एडमिशन लिया था। शिवांगी की एक छोटी बहन हिमानी अधिकारी है जो पढ़ रही है। मृतका शिवांगी के पिता लोकमान सिंह अधिकारी का कहना है कि उनकी बेटी शिवांगी को परेशान करने वाले चंपावत के दो युवकों पर पुलिस ने कार्रवाई की होती तो उनकी लाडली ऐसा कदम कभी नहीं उठाती। उन्होंने बताया कि एक माह पूर्व उन्होंने बेटी को परेशान करने वाले युवकों के खिलाफ चंपावत में नामजद तहरीर दी थी लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। पुलिस की इस लापरवाह कार्यशैली से युवकों के हौसले बुलंद बने रहे और वे उनकी बेटी को मानसिक तनाव देते रहे।