हरिद्वार। उत्तराखंड में कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ती जा रही है। सोमवार की रात हेल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य में जहा पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1845 हो गई थी वही अभी सबसे सुरक्षित माने जाने वाले बीएचईएल हरिद्वार के एक कर्मचारी की पत्नी की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। जिसकी पुष्टि सीएमओ सरोज नैथानी व बीएचईएल के पीआरओ माणिकताला द्वारा की गई है।
जानकारी के अनुसार कोरोना पॉजिटिव मिली महिला सुभाष नगर की रहने वाली है ,और अपने आंख के ऑपरेशन के लिए भेल हॉस्पिटल में आई थी ,तभी सुरक्षा की दृष्टि से उसका प्राइवेट लैब से टेस्ट 13 जून को कराया गया था। जिसकी आज रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पीआरओ मणिकताला के अनुसार इसकी सुचना हरिद्वार स्वास्थ्य विभाग सहित सीएमओ सरोज नैथानी को दे दी गई है और सुरक्षा की दृष्टि से अस्पताल को सेनेटिज कर ओपीडी एक दिन के लिए बंद कर दी गई है। उन्होंने बताया कि भेल कर्मचारी स्टील फाउण्ड्री में कार्यरत है। भेल प्रशासन ने पॉजिटिव महिला के पति सहित उसके सम्पर्क में आने वाले आँखों के डाक्टर और टेक्नीशियन को होम कोरोंटाइन कर दिया है। इतना ही नहीं कोरोना पॉजिटिव आई महिला और उनके पति के सम्पर्क में आने वालो सूचि तैयार की जा रही है। वही हरिद्वार 03 और पॉजिटिव केस सामने आये है। जिनमे 02 रुड़की और एक भगवानपुर से है। जिसकी पुष्टि बउव द्वारा की गई है।इसके साथ हरिद्वार में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 215 हो गई है ,जबकि 83 मरीज ठीक होकर अपने-अपने घरो को जा चुके है।
हरिद्वार में अब आसानी से निगरानी पर रखा जा सकेगा होम कोरेंटाइन किये गए लोगों को
हरिद्वार। जिलाधिकारी हरिद्वार सी. रविशंकर ने आज कलेक्टेट सभागार में ’सेफ हरिद्वार’ नाम से बनाये गये पोर्टल का उद्घाटन किया। यह पोर्टल जनपद हरिद्वार की विभिन्न सीमाओं में अन्य राज्यों से प्रवेश करने वाले लोगों को होम कोरंटीन किये जाने तथा उनकी निगरानी रखने के लिए बनाया गया है। पोर्टल के सभी फीचर वर्तमान में नगर निगम हरिद्वार के आयुक्त नरेंद्र भण्डारी द्वारा तैयार किये गये हैं। भण्डारी सोफ्टवेयर इंजीनियरिंग के छात्र रहे हैं। उन्हीं के द्वारा पोर्टल का निर्माण किया गया है।
जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह पोर्टल होम कोरंटीन किये जा रहे लोगों पर कड़ी नजर रखने के लिए जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग के लिए अत्यधिक कारगर सिद्ध होगा। बाॅर्डर पर पहुंचने वाले प्रत्येक व्यक्ति की पहचान और मोबाइल नम्बर पोर्टल पर दर्ज किया जायेगा। पोर्टल पर दर्ज होते ही उस व्यक्ति के बताये गये क्षेत्र की आशा कार्यकत्री तथा प्रधान और पार्षद के पास तत्काल ही एक मैसेज जायेगा कि अमुक व्यक्ति को होम कोरंटीन रहने के लिए कहा गया है सम्बंधित क्षेत्र की आशा कार्यकत्री व जनप्रतिनिधि को होम कोरंटीन का उल्लंघन न करने देने के लिए बताया जायेगा। व आशा कार्यकत्री द्वारा उक्त व्यक्ति की स्वास्थ्य पर भी निगाह रखी जायेगी।
तीनों व्यक्तियो को संदेश का पालन करना अनिवार्य होगा। व्यक्ति के लक्षण छुपाने तथा होम कोरंटीन का उल्ल्ंाघन करते पाये जाने पर आपदा अधिनियम 2005 के अंतर्गत मुकदमा व जेल भी होेगी। 24 घंटे के अंदर स्वास्थ्य विभाग की टीम को उक्त अमुक व्यक्ति के घर के बाहर होम कोरंटीन का पोस्टर चस्पा करना होगा। डीएम ने कहा कि 14 दिन की अवधि पूर्ण कर लेने पर स्वतः ही उस व्यक्ति के मोबाइल पर उसका डिस्चार्ज प्रामण पत्र प्रेषित हो जायेगा और व्यक्ति स्वस्थ माना जायेगा। प्रमाण पत्र जनरेट होने से स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रतीक्षा में अनावश्यक समय की बर्बादी भी नहीं होगी। पोर्टल प्रक्रिया पर माॅनिटरिंग करने से उपलब्ध मानव संसाधनों से भी कार्य सरलता से किया जा सकेगा। होम कोरंटीन किये जा रहे व्यक्ति द्वारा सही जानकारी दिये जाने से उसके परिजनों सहित बड़ी जनसंख्या के स्वास्थ्य की सुरक्षा होगी। इस अवसर डिप्टी कलैक्टर शैलेंद्र सिंह नेगी, सहायक नगर आयुक्त तनवीर, नोडल होम कोरंटीन डा त्रिभुवन बेंजवाल, डाॅ नरेश चैधरी सहित स्वास्थ विभाग के कर्मी उपस्थित रहे।