ऋषिकेश। उत्तराखंड के राज्य वन्य जीव बोर्ड के बंदरों को वर्मिन यानी कि खेती के लिए नुकसानदेह घोषित करने के प्रस्ताव से संत समाज में नाराजगी है। ऋषिकेश में संत समाज का कहना है कि अगर केंद्र सरकार उत्तराखंड वन्य जीव बोर्ड के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देती है तो वह उसका सड़क पर उतरकर विरोध करेंगे।
संतों का कहना है कि बंदर हिंदुओं के लिए पूजनीय हैं और इसलिए इस प्रस्ताव को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। बता दें कि मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में राज्य वन्य जीव बोर्ड की 14वीं बैठक में बंदरों को वर्मिन घोषित करने को मंजूरी दी गई। इस बैठक में वन मंत्री और वन विभाग के अदिकारी भी मौजूद थे। अब इस प्रस्ताव को केंद्रीय वन्य जीव बोर्ड को भेजा जाएगा और इसकी मंजूरी के बाद बंदरों को वर्मिन घोषित कर दिया जाएगा।
बता दें कि बंदरों को वर्मिन यानी कि खेती के लिए नुकसानदेह घोषित करने के बाद उन्हें मारा जा सकता है। हिमाचल प्रदेश में इसी साल की शुरुआत में बंदरों को वर्मिन घोषित करने के प्रस्ताव को केंद्र से अनुमति मिली है जिसके बाद उत्तराखंड ने भी इस दिशा में कदम उठाया है। यहां इस बात का जिक्र करना जरूरी है कि उत्तराखंड में, खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में, बंदर और सूअर खेती के लिए सबसे बड़ी समस्या बने हुए हैं। इनकी वजह से खेती एक दुष्कर काम हो गया है और लोग खेती छोड़कर पलायन कर रहे हैं।