13 Mar 2025, Thu

फेम इंडिया के सर्वे में स्वाति एस भदौरिया, सी रविशंकर तथा मंगेश घिल्डियाल बेस्ट डीएम

                                        विकासशील – सी रविशंकर (जिलाधिकारी – हरिद्वार)

                                     प्रेरक-मंगेश घिल्डियाल (जिलाधिकारी – टिहरी)
देहरादून। जिलाधिकारी चमोली स्वाति एस भदौरिया, मंगेश घिल्डियाल जिलाधिकारी टिहरी तथा सी रविशंकर जिलाधिकारी हरिद्वार ने फेम इंडिया एशिया पोस्ट के लोकप्रिय कलेक्टर सर्वे-2020 में अपने उत्कृष्ट कार्यों के कारण जगह बनाकर पूरे उत्तराखण्ड राज्य का नाम गौरवान्वित किया है। सर्वे में पूरे देश के 724 जिलाधिकारियों के क्रियाकलापों के आधार पर सर्वश्रेष्ठ अधिकारी का चयन किया गया है।
इस सर्वे में उत्तराखंड के तीन डीएम स्वाति एस भदौरिया, रविशंकर और मंगेश घिल्डियाल  को बेस्ट डीएम के रूप में चयनित किया गया है। फेम इंडिया मैगजीन में उनके अब तक के उत्कृष्ट कार्यो का उल्लेख भी किया गया है।
विदित हो कि वर्ष 2012 बैच की छत्तीसगढ कैडर की आईएएस अधिकारी और वर्ष 2015 में उत्तराखंड कैडर में स्थानांतरित आईएएस स्वाति एस भदौरिया उन चंद गिने चुने अधिकारियों में से है जिन्हें कई नवाचारी विकास कार्यो के लिए जाना जाता है। उनके प्रयासों से जिले को कई मामलों में अलग पहचान बनाने का गौरव प्राप्त हुआ है।
सीमांत जनपद चमोली के विषम भौगोलिक परिस्थितियों तथा सीमित संशाधनों के बीच डीएम स्वाति एस भदौरिया ने विकास कार्यो की जो अलख जगाई है आज उसकी चर्चा हर तरफ है। प्रसिद्व पत्रिका फेड इंडिया ने 724 जिलों में सर्वे कर देश के विकास कार्यो में अहम योगदान करने वाले जिन 50 सर्वश्रेष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों का चयन किया है उनमें चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया भी शामिल है।
फेम इंडिया मैगजीन ने एशिया पोस्ट सर्वे के साथ मिलकर विभिन्न स्रोतों, प्रबुद्ध लोगों की राय और ग्राउंड एवं मीडिया रिपोर्टों के आधार पर लोकप्रिय कलेक्टरों का चयन किया है जो अपनी उत्कृष्टता के कारण विशिष्ट स्थान रखते हैं। जिलाधिकारियों को स्टेकहोल्डर सर्वे के आधार पर 50 कैटेगरियों में बांटा गया है और हर कैटगरी के प्रमुख लोकप्रिय कलेक्टर को फेम इंडिया के अंक में प्रकाशित किया गया हैं। फेम इंडिया और एशिया पोस्ट का यह सर्वे जिलाधिकारियों के शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता, छवि और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किया गया है।
सीमांत जनपद चमोली में सीमित संशाधनों के बीच डीएम स्वाति एस भदौरिया ने अपनी कार्यकुशलता से कई अहम विकास कार्यो को धरातल पर उतारा है। अपनी प्रभावशाली प्रशासनिक दक्षता व क्षमता के बलबूते अपने छोटे से ही कार्यकाल में यह उपलब्धि हासिल कर उन्होंने चमोली जनपद समेत पूरा उत्तराखंड राज्य को गौरवान्वित किया है।
हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर को विकासशील  कैटेगरी में बेस्ट डीएम चुना गया है।  वहींं जिलाधिकारी टिहरी मंगेश घिल्डियाल  को प्रेरक रूप मेंं बेेस्ट डीएम चुना गया।

चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को संभालने वालों का प्रोत्साहन

भारतीय समाज में अक्सर कहा जाता है कि देश में पीएम, राज्य में सीएम और जिले में डीएम के पास ही जनता के लिये कुछ भी बेहतर कर पाने की ताकत होती है। यूं तो देश के विकास में सबकी भूमिका होती है, परन्तु देश व राज्य की पूरी मशीनरी विकास संबंधित योजनाओं का जो खाका तैयार करती है, उसका लाभ लोगों तक पहुंचाने की मुख्य जिम्मेदारी जिले के कलेक्टर की ही होती है और तभी बदलाव सही शक्ल भी लेता है। लोकप्रिय और सुघड़ जिलाधिकारी विकास योजनाओं का लाभ जन-जन को मिले यह सुनिश्चित करते हैं। चूंकि वे अपनी तैनाती के दौरान जिले की प्राकृतिक संपदाओं, कृषि, सड़क, बिजली, वित्त और मानव पूंजी से भली भांति परिचित हो चुके होते हैं, इसीलिए समस्याओं का निदान और विकास के नए पायदान गढ़ने के सूत्र उनके पास होते हैं। उन्हें पता होता है कि जिले में कितने संसाधन हैं और किस हिस्से की क्या जरूरत है, उसी के अनुरूप ये जिलाधिकारी योजनाएं बनाते हैं। इससे ही विकास को गति मिलती है।
किसी भी योजना की सफलता या विफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह आम लोगों से कितनी और किस तरह जुड़ी है तथा उसका लाभ जनता को किस तरह मिलने वाला है। वैसे तो जिलाधिकारी का विकास में सबसे अहम  योगदान है, परन्तु आजकल ये आम धारणा बना दी गयी है कि ये कुछ खास काम नहीं करते। अक्सर इसे नकारात्मक रूप में पेश किया जाता है, जबकि वास्तविकता ये है कि सर्वांगीन विकास से लेकर किसी भी योजना के क्रियान्वयन तक में इनकी भूमिका सबसे अहम होती है।
50 लोकप्रिय कलेक्टर के फेम इंडिया के इस अंक में हम जिलाधिकारियों के विकास और प्रगतिशीलता में दिये गये योगदान को सामने लाने का प्रयत्न कर रहे हैं। एक जिम्मेदार व सकारात्मक मीडिया होने के नाते फेम इंडिया ने इस बार देश निर्माण में अपनी बेहतर भूमिका निभा रहे डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेटों व डिप्टी कमिश्नरों को श्रेय देने का निर्णय किया है।
वर्तमान में देश भर में 724 जिले हैं। फेम इंडिया मैगजीन ने एशिया पोस्ट सर्वे के साथ मिलकर विभिन्न स्रोतों, प्रबुद्ध लोगों की राय और ग्राउंड एवं मीडिया रिपोर्टों के आधार पर 50 लोकप्रिय जिलधिकारियों का चयन किया गया जो अपनी उत्कृष्टता के कारण विशिष्ट स्थान रखते हैं। हमने सभी अधिकारियों को स्टेकहोल्ड सर्वे के आधार पर 50 कैटेगरियों में बांटा और हर कैटगरी से एक प्रमुख लोकप्रिय कलेक्टर को फेम इंडिया के अंक में प्रकाशित कर रहे हैं।
फेम इंडिया और एशिया पोस्ट का सर्वे  शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, जवाबदेह कार्यशैली, अहम फैसले लेने की त्वरित क्षमता, गंभीरता और व्यवहार कुशलता आदि दस मानदंडों पर किया गया है।
फेम इंडिया मैगजीन एंव एशिया पोस्ट सर्वे के विभिन्न श्रेणी में प्रमुख स्थान पर आए 50 लोकप्रिय जिलाधिकारियों की सूची :-
  •  उत्कृष्ट – कुमार रवि (जिलाधिकारी- पटना)
  • विशिष्ट – शालनी अग्रवाल (जिलाधिकारी – वडोदरा)
  • कर्त्तव्यनिष्ठ – कौशल राज शर्मा (जिलाधिकारी – वाराणसी)
  • हौसलामंद – प्रदीप गुप्ता (जिलाधिकारी – लुधियाना)
  • कर्मयोद्धा – सुहास एल वाई (जिलाधिकारी – नोएडा)
  • बाजीगर – राजेंद्र भट्ट (जिलाधिकारी – भीलवाड़ा)
  • अग्रदूत – बलवंत सिंह (जिलाधिकारी – पुरी)
  • प्रभावशाली – के विजयेन्द्र पांडियान (जिलाधिकारी – गोरखपुर)
  • योग्य – डॉ बृजमोहन मिश्रा (जिलाधिकारी – दक्षिण दिल्ली)
  • बेहतर – नवल किशोर राम (जिलाधिकारी – पुणे)
  • शक्ति – मुक्ता आर्या (जिलाधिकारी – हावड़ा)
  • विकासशील – सी रविशंकर (जिलाधिकारी – हरिद्वार)
  • उड़ान – अदिति सिंह (जिलाधिकारी – हापुड़)
  • क्षमतावान – सुषमा चौहान (जिलाधिकारी – जम्मू)
  • असरदार – तरुण राठी (जिलाधिकारी – दामोह)
  • शानदार – डॉ मन्नान अख्तर (जिलाधिकारी – जालौन)
  • मजबूत – वीरेन्द्र कुमार शर्मा (जिलाधिकारी – जालंधर)
  • जिम्मेदार – शैलेश नवल (जिलाधिकारी – अमरावती)
  • कामयाब – कुमार अमित (जिलाधिकारी – पटियाला)
  • अनुभवी – संग फुत्सोक (जिलाधिकारी – तवांग)
  • शोहरतमंद – डॉ नरेन्द्र कुमार मीणा (जिलाधिकारी – देवभूमि द्वारका)
  • कर्मठ – निधि श्रीवास्तव (जिलाधिकारी – दिल्ली सेंट्रल)
  • विलक्षण – डॉ. त्यागराजन एस एम (जिलाधिकारी – दरभंगा)
  • दूरदर्शी – वैभव श्रीवास्तव (जिलाधिकारी – पीलीभीत)
  • बुलंद – डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे (जिलाधिकारी- मधुबनी)
  • जागरूक – विवेक भाटिया (जिलाधिकारी – चंबा)
  • बेजोड़ – राहुल कुमार (जिलाधिकारी – पुर्णिया)
  • शख्सियत – यशेंद्र सिंह (जिलाधिकारी – रेवाड़ी)
  • जज्बा – राई महिमापत राय (जिलाधिकारी – रांची)
  • प्रेरक – मंगेश घिल्डियाल (जिलाधिकारी – टिहरी)
  • लगनशील – रजत बंसल (जिलाधिकारी – बस्तर)
  • प्रशंसनीय – अनंत लाल ज्ञानी (जिलाधिकारी – धुबरी)
  • कलात्मक – के राजेश (जिलाधिकारी – सुरेंद्र नगर)
  • व्यवहार कुशल – नवनीत सिंह चहल (जिलाधिकारी – चंदौली)
  • दक्ष – रागुल के (जिलाधिकारी – दक्षिण सिक्किम)
  • उद्देश्यपूर्ण – डॉ ऋचा वर्मा (जिलाधिकारी – कुल्लू)
  • उम्दा – स्वाति एस भदौरिया (जिलाधिकारी – चमोली)
  • भविष्यवादी – डॉ पीयूष सिंगला (जिलाधिकारी – उधमपुर)
  • ऊर्जावान – पी बी नूह भावा  (जिलाधिकारी – पथानमथिट्‌टा)
  • कुशल प्रबंधन – ओम प्रकाश कसेरा (जिलाधिकारी – कोटा)
  • चर्चित – प्रिंस धवन (जिलाधिकारी – लोहित)
  • संवाद क्षमता – अजय कटेसरिया (जिलाधिकारी – सतना)
  • आईकॉन – संदीप सिंह (जिलाधिकारी – रामगढ़)
  • उज्ज्वल – अभिषेक तिवारी (जिलाधिकारी – जलपाईगुड़ी)
  • जवाबदेह – पल्लव गोपाल झा (जिलाधिकारी – डिब्रूगढ़)
  • इरादे – अमॉय कुमार (जिलाधिकारी – रंगारेड्डी)
  • प्रोग्रेसिव – निशांत कुमार यादव (जिलाधिकारी – करनाल)
  • माहिर – शशांका कोंडुरु (जिलाधिकारी – करीमनगर)
  • युवा – शशांक शुभंकर (जिलाधिकारी – समस्तीपुर)
  • सुधारवादी – नैन्सी सहाय (जिलाधिकारी – देवघर)

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