-शरीर में वात, पित्त व कफ को संतुलित करता है पंचकमर्रू स्वामी रामदेव महाराज
-श्वास रोग, मधुमेह, अर्थराइटिस, कब्ज, बवासीर व पाचन सम्बंधी रोगों में विशेष लाभकारी है पंचकर्म की शोधन क्रियाएँः आचार्य बालकृष्ण
हरिद्वार। पतंजलि योगपीठ स्थित पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल के अन्तर्गत संचालित पंचकर्म चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र के नवीन परिसर का उद्घाटन स्वामी रामदेव महाराज तथा आचार्य बालकृष्ण महाराज के कर कमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि पंचकर्म चिकित्सा केन्द्र के विस्तार से ज्यादा से ज्यादा रोगियों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि इस नवीन परिसर में 13 नए कक्षों का निर्माण किया गया है।
इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने बताया कि पहले पंचकर्म चिकित्सा एवं अनुसंधान केन्द्र में प्रतिदिन जहाँ लगभग 150 रोगियों को स्वास्थ्य लाभ मिल पा रहा था वहीं अब प्रतिदिन लगभग 250 रोगी इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे। स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि पंचकर्म शरीर में वात, पित्त व कफ को संतुलित कर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है।
उद्घाटन अवसर पर आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि पंचकर्म एक शोधन चिकित्सा व्यवस्था है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर अनेक रोगों को समूल नष्ट कर देती है। उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में इंसान अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पा रहा है। वातावरण इतना प्रदूषित हो चुका है कि मनुष्य अपनी हर श्वास के साथ एक प्रकार का जहर पी रहा है। वह सौन्दर्य प्रसाधनों का प्रयोग कर अपने शरीर के ऊपर जमे मैल को तो साफ कर लेता है किन्तु अनियमित खानपान व प्रदूषण से शरीर के अन्दर फैले विषाक्त पदार्थों को साफ नहीं कर पाता। उन्होंने कहा कि इस विश्वव्यापी समस्या का एकमात्र उपाय आयुर्वेद के अन्तर्गत पंचकर्म चिकित्सा में निहित है। इस अवसर पर पतंजलि ग्रामोद्योग के महामंत्री डॉ. यशदेव शास्त्री, पतंजलि योगपीठ के मुख्य महाप्रबंधक ललित मोहन, पतंजलि आयुर्वेद हास्पिटल के अधीक्षक डॉ. डी.एन. शर्मा, उपाधीक्षक-डॉ. दयाशंकर, पंचकर्म विभागप्रमुख डॉ. केतन महाजन, डॉ. शिवानी महाजन, डॉ. विक्रम गुप्ता, डॉ. प्रभात, डॉ. पीयूष गुप्ता, षट्कर्म विभाग प्रमुख से डॉ. सचिन त्यागी तथा फिजियोथिरेपी विभाग प्रभारी डॉ. नेहा आदि उपस्थित रहे।