टिहरी। दिल्ली-यमुनोत्री राजमार्ग पर यमुना तट पर अवस्थित नैनबाग कस्बे का कूड़ा सीधा यमुना नदी में जा रहा है। कूड़े निस्तारण की यहां पर कोई व्यवस्था नहीं है। टटोर नैनबाग ग्राम पंचायत के प्रधान कई बार कूड़े के वैज्ञानिक निस्तारण की व्यवस्थायें बनाने की मांग कई बार स्थानीय प्रशासन से कर चुके हैं, लेकिन अब तक यहां पर कूड़ा निस्तारण की कोई ठोस व्यवस्था नहीं बन पाई है। जिससे नैनबाग के व्यापारियों में भी नाराजगी है। टटोर नैनबाग ग्राम पंचायत लगभग 5 हजार आबादी वाली है। जिसमें चिलामू और फखरोग भी शामिल हैं। नैनबाग में राजमार्ग पर कस्बे के साथ बाजार भी विकसित हुआ है। इसके साथ ही नैनबाग चारधाम यात्रियों के आवागमन के साथ ही निकटस्थ पर्यटक स्थलों को जाने वाले पर्यटकों को ठिकाना भी है। नैनबाग में कूड़ा निस्तारण की कोई व्यवस्था न होने के कारण घरों व बाजार का गीला व सूखा कूड़ा सीधे नदी में डाला जा रहा है। बाजार व कस्बे की नालियां भी सीधे यमुना में जा रही हैं। जिससे यमुना नदी निरंतर प्रदूषित होती जा रही है। जिससे सरकार के भारत स्वच्छता मिशन को पलीता लग रहा है। ग्रामसभा कई बार स्थानीय प्रशासन को कूड़ा निस्तारण के लिए लिख चुकी है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसी तरह स्थानीय व्यापारी भी लगातार नैनबाग में साफ-सफाई की व्यवस्था को जिला पंचायत, ग्राम पंचायत व स्थानीय प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं। नैनबाग के प्रधान सुमन लाल वर्मा का कहना है कि उन्होंने नैनबाग सहित पूरी ग्राम पंचायत में कूड़ा निस्तारण की वैज्ञानिक निस्तारण के लिए कई बार स्थानीय प्रशासन को लिखा है। इसके साथ ही राजमार्ग व लोनिवि को नालियां दुरूस्त करने की मांग की, ताकि नालियां यमुना में न जायें, लेकिन इन मांगों पर अब तक अमल नहीं हो पाया है। ग्रामसभा से प्रस्ताव पारित कर पंचायत को भी भेजा गया है।