देहरादून। उत्तराखंड में लंबे समय से लंबित चल रही परीक्षाएं अब शुरू होने जा रही है। विगत एक वर्ष से कोरोना तथा विभाग की कछुआ चाल के कारण परीक्षाएं नहीं हुई।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अब लंबित परीक्षाओं को अगले माह जुलाई से शुरू करने की योजना बना रहा है। परीक्षा की बाट जोत रहे बेरोजगार युवाओं के लिए यह एक सुखद खबर है लेकिन देखना यह होगा कि विभाग की यह कवायद कब रंग लाती है। सरकारी विभागों में रिक्त पड़े पदों पर भर्ती की प्रक्रिया के लिए आवेदन मांगे गए, जिसमें लाखों बेरोजगार युवाओं द्वारा आवेदन किया गया। लेकिन विभाग द्वारा समय पर परीक्षा न कराए जाने तथा परीक्षा के उपरांत परिणाम को घोषित न करने के चलते युवकों में बेहद निराशा का माहौल है।
चुनावी वर्ष में भी रोजगार की राह खुलती न देख बेरोजगारों ने रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कराने की मांग को लेकर विधायक सांसदों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। बेरोजगारों ने दो दर्जन विधायकों के जरिए सीएम को पत्र भेजकर रिक्त पदों पर आवेदन प्रक्रिया शुरू करवाने की मांग की है।
बीते सवा साल से कोविड के चलते भर्ती प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित है। अब अप्रैल के बाद से न तो नए आवेदन आए हैं और नहीं भर्ती परीक्षा आयोजित हो पा रही है। जबकि चुनावी साल होने के कारण इस साल बेरोजगारों को बम्पर भर्ती निकलने की उम्मीद थी। इधर, लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पास इस समय ढाई हजार से अधिक पदों के लिए अधियाचन भी लंबित है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लंबित परीक्षाएं जुलाई से शुरू हो सकती है। कोविड कफर्यू के कारण अप्रैल तीसरे सप्ताह से बंद अधीनस्थ सेवा चयन आयोग कार्यालय मंगलवार से खुल गया है।
आयोग के सचिव संतोष बडोनी के अनुसार आयोग आने वाले दिनों में जेई सिविल, पशुधन प्रसाद अधिकारी, सहायक कृषि अधिकारी पदों के लिए सफल अभ्यर्थियों के लिए प्रमाणपत्र सत्यापन की प्रक्रिया प्रारंभ करेगा। इसके बाद जुलाई तक लंबित परीक्षाएं शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए यातायात सुविधाओं के सुचारू होने का इंतजार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो आयोग लिखित परीक्षा का समय कम करने पर भी विचार कर रहा है। इससे एक दिन में तीन पालियों में परीक्षा संभव हो पाएगी। आयोग को आने वाले दिनों में एलटी, वन दरोगा, स्नातक, इंटरमीडिएट स्तर और सचिवालय सुरक्षा कर्मी की परीक्षा आयोजित करवानी है।