देहरादून। उत्तराखण्ड विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों को लेकर कांग्रेस ने भाजपा एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर जम कर हमला बोला। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने आज यहां कहा कि त्याग, तपस्या और बलिदान की बातें करने वाले आरएसएस नेता अब सत्ता लोलुप और भोगवादी हो गए हैं। जिन जिन प्रभावशाली लोगों ने अपने रिश्तेदार और परिचितों को विधानसभा में नौकरियां दी हैं, उन सभी को सार्वजनिक माफी मांगते हुए राजनीतिक जीवन से सन्यास लेना चाहिए। माहरा ने कहा कि विस की भर्तियों में सभी दलों ने नैतिकता को ताक पर रखा है। भले ही कांग्रेस के नेता रहे हों या फिर भाजपा सभी ने बैकडोर से अपने रिश्तेदारों को नौकरियां बांटी। राज्य के युवाओं के हक पर डाका डालने में संघ के नेता भी पीछे नहीं रहे। संघ नेताओं को चेहरा बेनकाब हो चुका है।
करन ने विस अध्यक्ष ऋतु खंडूरी द्वारा विस भर्तियों के लिए बनाई गई जांच कमेटी पर भी सवाल उठाया। कहा कि दिलीप सिंह कोटिया स्टेट हेल्थ एजेंसी के चेयरमैन हैं। जबकि एक दूसरे सदस्य अवनिंद नयाल ट्रिब्यूनल के सदस्य हैं। सुरेंद्र सिंह रावत पूर्व में सूचना आयुक्त रह चुके हैं। जो लोग पहले ही सरकार से वेतन ले रहे हैं, या ले चुके हैं, उनसे भला निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जा सकती है? विस के विषयों में सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट ही निर्णय ले सकता है। इसलिए यह जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में होनी चाहिए। साथ ही यह जांच वर्ष 2000 से अब तक हुई भर्तियों की होनी चाहिए।