-आस्ट्रेलिया से उच्च गुणवत्ता की 240 मेरिनो भेड़ राजकीय भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र कोपडधार टिहरी के लिए मंगाई गई
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड को आस्ट्रेलियन मेरिनों भेड़ें प्राप्त होने से भविष्य में भेड़ पालकों को काफी फायदा होगा। यह प्रदेश में पशुपालन के क्षेत्र में क्रान्तिकारी एवं प्रगतिशील कदम है। इन भेड़ों से जहां उच्च गुणवत्ता की ऊन प्राप्त होगी, वहीं ऊन की मात्रा में भी वृद्धि होगी। जिससे किसानों की आर्थिकी तेजी से वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में भेड़ों की नश्ल सुधार कार्यक्रम जरूरी था। इस उद्देश्य से आस्ट्रेलिया से उच्च गुणवत्ता की 240 मेरिनों भेड़ें आयातित कर राजकीय भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र कोपडधार, घनसाली टिहरी में व्यवस्थित की गयी हैं।
गुरूवार को सचिवालय में राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य में भेडों की नस्ल सुधार, ऊन गुणवत्ता एवं ऊन उत्पादन में वृद्धि हेतु आयातित आस्ट्रेलियन मेरिनों भेड़ के सम्बन्ध में प्रेस प्रतिनिधियों को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इन भेड़ों से प्राप्त होने वाली ऊन से वूलन मिलों की विदेशी ऊन पर आत्मनिर्भरता कम होगी। वही उत्तरखण्ड में अच्छी किस्म की ऊन की उत्पादकता में तेजी से वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि सीआईआई के माध्यम से भारत के ऊन उद्योग से जुड़े व्यापारियों से वार्ता के दौरान यह जानकारी प्राप्त हुई कि देश में 95 प्रतिशत ऊन का आयात आस्ट्रेलियन मेरिनों ऊन का होता है। इसी के दृष्टिगत कैबिनेट की स्वीकृति के उपरान्त आस्ट्रेलियन हाई कमीशन, नई दिल्ली के सहयोग से इसकी निविदा प्रक्रिया को अन्तिम रूप दिया गया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आस्ट्रेलिया से आयातित मेरिनों भेड से राज्य के भेडपालकां को उच्च गुणवत्ता के नर मेढें उपलब्ध होगें साथ ही ऊन की गुणवत्ता में एवं उत्पादन के साथ-साथ शरीरिक भार में वृद्वि होगी तथा इससे भेड़ पालकों को आशातीत लाभ प्राप्त होगा।
सचिव पशुपालन डॉ. आर मीनाक्षी सुन्दरम ने कहा कि भारत सरकार की राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के अन्तर्गत 03 पर्वतीय राज्यों उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू कश्मीर हेतु भेड़ों में नस्ल सुधार, ऊन गुणवत्ता एवं ऊन उत्पादन में सुधार के लिए भेड़ों के आयात की स्वीकृत प्राप्त हुई। उत्तराखण्ड राज्य हेतु योजनान्तर्गत 240 मेरिनों भेड़ (40 नर व 200 मादा) के लिए कुल धनराशि रु 850.00 लाख (90 प्रतिशत केन्द्रांश एवं 10 प्रतिशत राज्यांश) की धनराशि उपलब्ध करायी गयी।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में उत्तराखण्ड की भेडे़ राजकीय भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र, कोपड़धार, घनसाली, टिहरी पर एक माह के फनंतंदजपदम हेतु रखी जा रही है। इस बीच पुनः भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद से भेड़ों की जांच करायी जायेगी। पुनः रोग मुक्त पाये जाने पर ही भेड़ें प्रक्षेत्र पर प्रयोग में लायी जायेगी। आस्ट्रेलिया से आयातित उच्च गुणवत्ता की भेड़ों को आगामी 05 वर्षों तक एक निर्धारित कार्यक्रमों में उपयोग में लायी जायेगी एवं राज्य की भेड़ों में व्याप्त अन्तः प्रजनन की समस्या से निजात दिलाया जायेगा। इस सम्बन्ध में निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा के नेतृत्व में आईटीडीए की टीम द्वारा भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र कोपड़धार, घनसाली टिहरी में व्यवस्थित की गयी मेरिनों भेड़ों को ड्रोन के माध्यम से सीधा प्रसारण कराया गया। इस अवसर पर पशुपालन मंत्री रेखा आर्य, विधायक गोपाल सिंह रावत, आस्ट्रेलिया में भेड़ पालन के क्षेत्र में कार्य कर रहे मैथ्यू कांडिक्टन, बेन वाट्स, चार्ली कांडिक्टन, एलिसा वाट्स, उत्तराखण्ड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड के मुख्य अधिशासी अधिकारी डॉ. अविनाश आनंद आदि उपस्थित थे।