देहरादून । उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टमेंट सम्मिट प्रोग्राम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन बनाए जाने की बात कही थी । प्रधानमंत्री के बयान के बाद प्रदेश में वेडिंग डेस्टिनेशन बनाए जाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। शनिवार को बदरी-केदार मंदिर समिति की बोर्ड बैठक में श्री त्रियुगीनारायण मंदिर क्षेत्र को वेडिंग डिस्टनेशन के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

मंदिर समिति की बोर्ड बैठक कैनाल रोड स्थित कार्यालय सभागार में अजेंद्र अजय की अध्यक्षता में हुई। बैठक की शुरुआत भगवान बदरीविशाल की आरती पवनमंद सुगंध शीतल हेममंदिर शोभितम् की सांकेतिक स्तुतिगान से हुई।

बैठक में यात्रा वर्ष 2024 के लिए तैयारियों, निर्माण- जीर्णोद्धार कार्यों संबंधित प्रस्ताव सहित, मंदिर समिति कार्यालयों को ई-आफिस के रूप में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया। अध्यक्ष ने कहा कि मंदिर समिति तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु प्रतिबद्ध है।

गोरामाई मंदिर गौरीकुंड परिसर विस्तार, जोशीमठ में श्री वासुदेव मंदिर, दुर्गामंदिर परिसर सौंदर्यीकरण, आधुनिक सूचना तकनीकी का इस्तेमाल कर तीर्थयात्रियों को अधिक से अधिक यात्रा सुविधाएं मुहैया कराये जाने पर विस्तृत विचार विमर्श हुआ। डालमिया यात्री विश्राम गृह श्रीनगर का पुनर्निर्माण का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके अंतर्गत बहुमंजिला विश्राम गृह, पार्किंग, डीलक्स रूम बनने प्रस्तावित है।

बैठक में मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह ने पिछली बोर्ड बैठक के प्रस्तावों की अनुपालन आख्या पेश की। मंदिर समिति में विभिन्न संवर्गों के सृजन, अस्थायी कर्मचारियों के विनियमितिकरण, मास्टर प्लान के तहत बदरीनाथ धाम में ध्वस्त भवनों संरचनाओं के स्थान पर पुनर्निर्माण, विनसर मंदिर चौथान पट्टी पौड़ी को बीकेटीसी के अधीनस्थ मंदिरों के अंतर्गत किए जाने पर विचार, रघुनाथ कीर्ति संस्कृत महाविद्यालय संचालन, दानीदाता की ओर से तांबे की चद्दर पर सोने की परत लगी श्रीमद् भगवदगीता को बदरीनाथ मंदिर सभागृह परिसर में स्थापित करने, श्री ओंकारेश्वर मंदिर, श्री गौरामाई मंदिर के विस्तारीकरण, पुराने फार्मेसी भवन के स्थान पर नया प्रशासनिक भवन बनाने, ऊखीमठ जयबीरी तोक भूमि को लीज पर देने, केदारनाथ धाम के प्रवचन हाल में कर्मचारी आवास व्यवस्था बनाने के प्रस्ताव पारित हुए। भगवान केदारनाथ की सूक्ष्म स्तुति के बाद बैठक समाप्ति की घोषणा की गई।